कानोड़, 19 सितम्बर (रिपोर्ट- राहुल पाटीदार)। अखिल भारतीय मेवाड़ा गायरी युवा महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल गायरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजकर धनगर जाति की उपजातियों—गायरी, गाडरी, गारी और गडरिया—को राजस्थान की विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जनजाति सूची में शामिल करने की मांग की है।
गायरी ने पत्र में कहा कि पूर्व में भी क्षेत्र के मंत्री, विधायक और विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से यह आग्रह किया गया था, किंतु अब तक राजस्थान सरकार ने इन समाजों को सूची में नहीं जोड़ा।
अन्य राज्यों में मिल रहा लाभ
गायरी ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में ही धनगर समाज की उपजातियों को विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू सूची में शामिल कर दिया था और वहां यह समाज विभागीय योजनाओं का लाभ उठा रहा है।
इसी प्रकार महाराष्ट्र सरकार ने भी धनगर-गाडरी समाज को सूची में शामिल कर रखा है तथा उन्हें नौकरियों और शिक्षा में 3.5% आरक्षण भी प्रदान किया गया है।
राजस्थान में वंचित समाज
गायरी ने कहा कि राजस्थान में आज भी गाडरी समाज को सूची में स्थान नहीं मिला है।
उन्होंने स्पष्ट किया—“हमारा नामकरण गाडर (अर्थात भेड़) पालन से हुआ है। पशुपालन को धन मानकर हम धनगर कहलाए। मुख्य भेड़पालक होने के बावजूद हम योजनाओं से वंचित हैं और अपने अधिकारों के लिए धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि भेड़ों के साथ देशभर में भ्रमण करने के कारण समाज के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और रोजगार व अवसरों में पिछड़ापन बढ़ रहा है।
संख्या में अंतर
गायरी ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में 50 से अधिक जातियां विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू सूची में जोड़ी गई हैं, जबकि राजस्थान में फिलहाल केवल 32 जातियां ही शामिल हैं। इस कारण धनगर समाज की उपजातियां अब तक इससे वंचित हैं।
मुख्यमंत्री से मांग
प्रदेश उपाध्यक्ष गायरी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राजस्थान सरकार तत्काल प्रस्ताव भेजकर गायरी, गाडरी, गारी और गडरिया समाज को विमुक्त घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू सूची में शामिल करे, ताकि समाज को योजनाओं, शिक्षा और रोजगार में बराबरी का अवसर मिल सके।

