24 News Update उदयपुर | परिवार और समाज में संवाद व सामंजस्य की निरंतरता से तनाव और निराशा को दूर किया जा सकता है। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ती अपेक्षाओं, अकेलेपन और संवाद की कमी के बीच यदि हम रिश्तों में सकारात्मकता और आत्मीयता बनाए रखें, तो न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रह सकता है। यह विचार महेश सेवा संस्थान, चित्रकूट नगर द्वारा डॉक्टर्स डे और सीए डे के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए गए। महेश पब्लिक स्कूल सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में न्यूरोसर्जन और रवीन्द्र नाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. पंकज सोमानी ने “तनाव एवं निराशा की जिंदगी में सुकून कैसे पाएं” विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। डॉ. सोमानी ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, व्यस्त दिनचर्या, सामाजिक संवाद की कमी और बढ़ती अपेक्षाएं मानसिक तनाव के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि तनावमुक्त जीवन के लिए आत्म-विश्लेषण, समय प्रबंधन, माइंडफुलनेस, योग और सामाजिक जुड़ाव जैसी आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट और कानून विशेषज्ञ विमल पूनमिया ने “वसीयत व पारिवारिक समझौता” विषय पर व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समय रहते वसीयत तैयार करना और पारिवारिक विवादों को आपसी समझ से सुलझाना, परिवार की शांति और सामाजिक सामंजस्य बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। पूनमिया ने बताया कि वर्तमान में भारतीय न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या इतनी अधिक है कि यदि आज से एक भी नया मामला न आए, तब भी सभी मामलों को सुलझाने में 300 साल से अधिक का समय लगेगा। इसलिए पारिवारिक मामलों को अदालत तक पहुँचने देने से पहले समझदारी से सुलझा लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान अध्यक्ष राजेश राठी ने की। इस अवसर पर 29 चिकित्सकों और 45 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के उपाध्यक्ष जितेंद्र ईनाणी, लक्ष्मीकांत मूंदड़ा, सह सचिव संजय मालीवाल, सह कोषाध्यक्ष भगवतीलाल धुप्पड़, रामबाबू खटोड़, दामोदर खटोड़, बृजमोहन सोनी, अनिल दाखेड़ा, सत्यनारायण गुप्ता, राकेश काबरा, नरेंद्र लावटी, द्वारका प्रसाद सोमानी सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के कोषाध्यक्ष हितेश भदादा ने किया और आभार सचिव ललित प्रसाद माहेश्वरी ने प्रकट किया।
सामाजिक संवाद और सामंजस्य से दूर होगा तनाव : डॉ. सोमानी

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