24 News Update अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद स्थित यूनिवर्सिटी ग्राउण्ड में प्राकृत ज्ञान केसरी आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ससंघ के 61वीं पिच्छी के चातुर्मास समापन अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज एवं चातुर्मास समिति के संयोजन में बुधवार से आठ दिवसीय श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का शुभारंभ हुआ।
विधान का शुभारंभ प्रतिष्ठाचार्य पं. विनोद पगारिया “विरल” (सागवाड़ा) के तत्वावधान में ध्वजारोहण के साथ हुआ। अशोक-विनोद वोरा परिवार लोहारिया द्वारा ध्वजारोहण तथा जिग्नेश नावडिया परिवार द्वारा मंडप उद्घाटन किया गया। विपिन पंचोरी (साबला) ने बताया कि प्रातः श्री आदिनाथ जैन मंदिर सेटेलाइट से जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमाओं की शोभायात्रा एवं घटयात्रा बैण्ड-बाजों के साथ विधान स्थल पर पहुंची।
ध्वजारोहण के पश्चात प्रतिष्ठाचार्य पगारिया ने 500 से अधिक इन्द्र-इन्द्राणी समूह का सकलीकरण व इन्द्र प्रतिष्ठा विधि संपन्न कराई। मण्डप प्रतिष्ठा, अखण्ड दीप प्रज्जवलन, पंच मंगल कलश व धूप घट स्थापना के बाद जिनेन्द्र भगवान व सिद्धचक्र यंत्र का अभिषेक एवं विश्वशांति कामना हेतु शांतिधारा की गई।
संध्याकालीन आरती विपिन पंचोरी साबला परिवार द्वारा उतारी गई। यह अनुष्ठान 5 नवम्बर तक चलेगा और उसी दिन विश्वशांति महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न होगा।
विधान के मुख्य पुण्यार्जक—सौधर्म इन्द्र सौमागमल कटारिया परिवार, राजा श्रीपाल राजेश शाह, धनपति कुबेर ऋषभ जैन, महायज्ञनायक विपिन पंचोरी साबला सहित 500 से अधिक इन्द्र-इन्द्राणी युगलों द्वारा सिद्धचक्र विधान पूजा की जा रही है। विधान मंडल को रंग-बिरंगे मोती, डायमंड व लाइटों से सजाया गया है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। धर्मसभा में आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ने कहा—“सिद्धचक्र विधान, सिद्ध भगवान की महापूजा है। सिद्ध प्रभु अष्टकर्म से मुक्त होकर सिद्धशिला पर स्थित हुए हैं। उनकी आराधना से हमारे भी कर्मों का नाश होता है और पुण्य का बंध होता है।”
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.