🔹 अंतिम दर्शन
📅 17 मार्च | ⏰ सुबह 7:00 बजे से

🔹 अंतिम यात्रा
📅 17 मार्च | ⏰ सुबह 11:00 बजे
🏡 स्थान: शंभु निवास से प्रस्थान

24 News update उदयपुर: उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और मेवाड़ राजघराने के प्रतिष्ठित अरविंद सिंह मेवाड़ का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और सिटी पैलेस के शंभू निवास में ही उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन से मेवाड़, उदयपुर और समूचे राजस्थान में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।

जीवन परिचय

  • जन्म: 13 दिसंबर 1948, उदयपुर, राजस्थान
  • पिता: महाराणा भगवत सिंह मेवाड़
  • माता: सुशीला कुमारी मेवाड़
  • वंश: सिसोदिया राजवंश (उदयपुर राजवंश)
  • शिक्षा:
    • स्कूली शिक्षा: मेयो कॉलेज, अजमेर
    • स्नातक: महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर
    • होटल मैनेजमेंट: सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, यूके
  • व्यवसाय एवं प्रबंधन: एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
  • अन्य पद:
    • महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष
    • महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट के अध्यक्ष
    • राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष

पर्यटन और विरासत संरक्षण में योगदान

अरविंद सिंह मेवाड़ ने उदयपुर को विश्व मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सिटी पैलेस, जग मंदिर और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण किया गया। उन्होंने सिटी पैलेस को एक प्रतिष्ठित संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया, जिससे देश-विदेश के पर्यटक आकर्षित हुए।

मेवाड़ राजघराने की विरासत को संभालने में अग्रणी भूमिका

अरविंद सिंह मेवाड़ ने पारंपरिक राजपूती संस्कृति, मेवाड़ी कला और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे आधुनिकता के साथ परंपरा को संजोने के पक्षधर थे और उदयपुर के पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया।

उदयपुर राजवंश और मेवाड़ का गौरवशाली इतिहास

  • उदयपुर की स्थापना 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने की थी।
  • महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा इस वंश के गौरवशाली नायक रहे।
  • हल्दीघाटी का युद्ध (1576) भारतीय इतिहास में अमर है।
  • चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़ और उदयपुर जैसे ऐतिहासिक स्थल मेवाड़ की पहचान हैं।
  • मेवाड़ राजवंश ने सदियों तक मुगलों, मराठों और अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष कर अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा।

श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, “अरविंद सिंह मेवाड़ का जाना राजस्थान और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में लगाई।”

सिटी पैलेस के सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। उदयपुर के नागरिक, राजपरिवार के सदस्य और प्रशंसकों के अलावा, देशभर से कई प्रतिष्ठित हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच सकती हैं। उनका निधन न केवल मेवाड़ राजघराने के लिए, बल्कि पूरे उदयपुर और राजस्थान के लिए एक बड़ी क्षति है।

अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन: मेवाड़ की एक विरासत का अंत

उदयपुर: उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और मेवाड़ राजघराने के प्रतिष्ठित उत्तराधिकारी अरविंद सिंह मेवाड़ का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और सिटी पैलेस के शंभू निवास में ही उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन से मेवाड़, उदयपुर और समूचे राजस्थान में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।

जीवन परिचय

  • जन्म: 13 दिसंबर 1948, उदयपुर, राजस्थान
  • पिता: महाराणा भगवत सिंह मेवाड़
  • माता: सुशीला कुमारी मेवाड़
  • वंश: सिसोदिया राजवंश (उदयपुर राजवंश)
  • शिक्षा:
    • स्कूली शिक्षा: मेयो कॉलेज, अजमेर
    • स्नातक: महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर
    • होटल मैनेजमेंट: सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, यूके
  • व्यवसाय एवं प्रबंधन: एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
  • अन्य पद:
    • महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष
    • महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट के अध्यक्ष
    • राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष

पर्यटन और विरासत संरक्षण में योगदान

अरविंद सिंह मेवाड़ ने उदयपुर को विश्व मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सिटी पैलेस, जग मंदिर और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण किया गया। उन्होंने सिटी पैलेस को एक प्रतिष्ठित संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया, जिससे देश-विदेश के पर्यटक आकर्षित हुए।

मेवाड़ राजघराने की विरासत को संभालने में अग्रणी भूमिका

अरविंद सिंह मेवाड़ ने पारंपरिक राजपूती संस्कृति, मेवाड़ी कला और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे आधुनिकता के साथ परंपरा को संजोने के पक्षधर थे और उदयपुर के पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया।

उदयपुर राजवंश और मेवाड़ का गौरवशाली इतिहास

  • उदयपुर की स्थापना 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने की थी।
  • महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा इस वंश के गौरवशाली नायक रहे।
  • हल्दीघाटी का युद्ध (1576) भारतीय इतिहास में अमर है।
  • चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़ और उदयपुर जैसे ऐतिहासिक स्थल मेवाड़ की पहचान हैं।
  • मेवाड़ राजवंश ने सदियों तक मुगलों, मराठों और अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष कर अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा।

श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, “अरविंद सिंह मेवाड़ का जाना राजस्थान और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में लगाई।”

सिटी पैलेस के सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। उदयपुर के नागरिक, राजपरिवार के सदस्य और प्रशंसकों के अलावा, देशभर से कई प्रतिष्ठित हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच सकती हैं। उनका निधन न केवल मेवाड़ राजघराने के लिए, बल्कि पूरे उदयपुर और राजस्थान के लिए एक बड़ी क्षति है।

24 News Update Udaipur: Arvind Singh Mewar, a member of the former royal family of Udaipur and a distinguished figure of the Mewar royal family, has passed away at the age of 80. He had been unwell for a long time and was receiving treatment at Shambhu Niwas in the City Palace. His passing has sent a wave of mourning throughout Mewar, Udaipur, and the entire state of Rajasthan. His funeral will be held on Monday. Biography Born: December 13, 1948, Udaipur, Rajasthan Father: Maharana Bhagwat Singh Mewar Mother: Sushila Kumari Mewar Dynasty: Sisodia Dynasty (Udaipur Dynasty) Education: Schooling: Mayo College, Ajmer Bachelor’s Degree: Maharana Bhupal College, Udaipur Hotel Management: St Albans Metropolitan College, UK Chat

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24 News Update Udaipur: Arvind Singh Mewar, a member of the former royal family of Udaipur and a prominent figure of the Mewar royal dynasty, passed away at the age of 80. He had been unwell for a long time and was receiving treatment at Shambhu Niwas in the City Palace. His death has triggered a wave of mourning across Mewar, Udaipur, and throughout Rajasthan. His last rites will be performed on Monday. Biography Birth: December 13, 1948, Udaipur, Rajasthan Father: Maharana Bhagwat Singh Mewar Mother: Sushila Kumari Mewar Lineage: Sisodia royal clan (Udaipur royal family) Education: Schooling: Mayo College, Ajmer Bachelor’s degree: Maharana Bhupal College, Udaipur Hotel Management: St. Albans Metropolitan College, UKChat


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