अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर परिजनों का आक्रोश, प्रभारी डॉक्टर हटाए गए
उदयपुर, 29 अक्टूबर। उदयपुर जिले के झाड़ोल क्षेत्र में मंगलवार को चार साल के मासूम की स्कूल बस से कुचलकर मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना के बाद परिजन और स्थानीय लोग झाड़ोल उपजिला अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। बाद में करणी सेना के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मुआवजा राशि तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
करीब तीन घंटे तक चले धरने के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बनी। अंततः मृतक के परिवार को 17.21 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने पर निर्णय हुआ। इसके बाद धरना समाप्त किया गया और बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया।
अस्पताल की लापरवाही के आरोप, प्रभारी डॉक्टर हटाए गए
धरने के बाद स्थिति को देखते हुए सीएमएचओ डॉ. अशोक आदित्य ने डॉ. मुकेश गरासिया को उपजिला अस्पताल झाड़ोल के प्रभारी पद से हटा दिया, और डॉ. रमेश कटारा को अतिरिक्त प्रभारी का चार्ज सौंपा।
परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया, तब वह अभी जीवित था, लेकिन ऑक्सीजन, आपात उपकरण और बिजली की व्यवस्था न होने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
उन्होंने कहा कि “हॉस्पिटल में न जनरेटर है, न इन्वर्टर, न ही इमरजेंसी सुविधा। यदि व्यवस्था होती तो हमारा बच्चा बच सकता था।”
करणी सेना की चेतावनी — “अब डराने की कोशिश न करें”
धरने के दौरान माहौल गरमाता देख डीएसपी नेत्रपाल सिंह, तहसीलदार सीताराम, थानाधिकारी फेलीराम और बाघपुरा थानाधिकारी वेलाराम जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे।
हालांकि करणी सेना और समाज के लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे।
करणी सेना जिलाध्यक्ष अर्जुनसिंह ने कड़े शब्दों में कहा,
“स्कूल प्रशासन ने हमारे लोगों को डराने की कोशिश की है। वो कान खोलकर सुन ले—अगर डराना बंद नहीं किया, तो जूते इतने पड़ेंगे, जिसकी गिनती कोई और करेगा। हम लोग डरने वालों में से नहीं हैं।”
“स्कूल और अस्पताल की लापरवाही से गई जान”
मांगें मानने के बाद करणी सेना जिलाध्यक्ष अर्जुनसिंह ने कहा कि बच्चे की मौत स्कूल प्रशासन और अस्पताल दोनों की लापरवाही का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि “स्कूलों में प्रशिक्षित ड्राइवरों की नियुक्ति और अस्पतालों में ऑक्सीजन, इन्वर्टर व अन्य आवश्यक उपकरण अनिवार्य रूप से होने चाहिए।”
दर्दनाक हादसा : जिस बस से उतरा, उसी ने कुचल दिया
घटना सोमवार दोपहर करीब 3 बजे की है। चार वर्षीय चित्रराज स्कूल से घर लौट रहा था। जैसे ही वह बस से उतरा, ड्राइवर ने लापरवाही से बस आगे बढ़ा दी, जिससे मासूम बस के नीचे आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार, चित्रराज घर का इकलौता बेटा था। मां भावना बेटे का शव देखते ही बेहोश हो गईं। परिवार 31 दिसंबर को उसके जन्मदिन की तैयारी कर रहा था।
पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार, परिवार ने जताया आभार
प्रशासन से मुआवजा तय होने और मांगों पर सहमति बनने के बाद पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
स्थानीय समाजजनों और करणी सेना पदाधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
लोगों ने कहा कि यह हादसा क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और अस्पताल व्यवस्था की भयावह सच्चाई को उजागर करता है।

