24 news update डूंगरपुर रामनवमी के शुभ अवसर पर डूंगरपुर शहर में शनिवार को अभूतपूर्व धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव देखने को मिला। पूरे शहर में भक्ति का माहौल था, हजारों श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए, और “जय श्रीराम” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा।
भव्य शोभायात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा में धार्मिक श्रद्धा और परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। इसमें पारंपरिक घोड़े-बग्गियों से लेकर आधुनिक डीजे साउंड सिस्टम तक हर रंग मौजूद था। भक्तों ने भगवा ध्वज लहराते हुए यात्रा में भाग लिया। रास्ते भर जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान रहा।
श्रीराम की जीवंत झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र
शोभायात्रा की भव्यता को जीवंत झांकियों ने और भी रोचक बना दिया। इन झांकियों में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव और पार्वती के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों को दर्शाया गया। बच्चे और युवा पारंपरिक वस्त्रों में सजे हुए थे, सिर पर साफा बांधे और हाथों में भगवा ध्वज लिए श्रद्धा से ओत-प्रोत नजर आए।
शहरभर में भव्य स्वागत और भक्ति रस की बौछार
शहरभर में शोभायात्रा का स्वागत किया गया। मार्ग में 100 से अधिक स्वागत द्वार बनाए गए, जहां श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई और गुलाल उड़ाया गया। भक्तों के लिए जगह-जगह ठंडा जल, छाछ, शरबत और प्रसाद की व्यवस्था थी। इस पर्व को बड़े स्तर पर सामाजिक सहभागिता के रूप में मनाया गया, जिसमें विभिन्न संगठनों और समाज के लोगों ने योगदान दिया।
गैपसागर की पाल बनी भक्ति का केंद्र
शोभायात्रा का समापन गैपसागर की पाल पर हुआ, जिसे केसरिया झंडों और रंग-बिरंगी सजावट से भव्य रूप दिया गया था। यहां श्रद्धालु राम दरबार की झांकी के साथ सेल्फी लेते नजर आए। इस स्थल पर विशेष झांकी में “छावा” फिल्म की संभाजी महाराज की पीड़ा दर्शाती प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र बनी।
साढ़े तीन किलोमीटर लंबी रंगोली ने बनाया नया कीर्तिमान
इस आयोजन की विशेषता रही साढ़े तीन किलोमीटर लंबी रंगोली, जो पूरे शोभायात्रा मार्ग पर सजाई गई थी। विभिन्न रंगों और कलात्मक डिज़ाइनों से सजे इस मार्ग ने उत्सव को विशेष भव्यता प्रदान की। यह रंगोली पहले ही “गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में दर्ज हो चुकी थी, और इस बार इसे और भी बड़ा कीर्तिमान स्थापित करने के प्रयास किए गए।
धर्मसभा में संतों का प्रवचन
बादल महल परिसर में आयोजित धर्मसभा में प्रमुख संतों और नेताओं ने भगवान राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी। पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह, विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा समेत कई धर्मगुरुओं ने इस अवसर पर विचार प्रस्तुत किए। इस सभा में रामराज्य की कल्पना, भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला गया।
रामनवमी का यह पर्व डूंगरपुर के लोगों के लिए सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और जन भागीदारी का एक अनुपम संगम बन गया। उत्सव का यह भव्य आयोजन हर वर्ष और भी अधिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाने का संकल्प लेकर समाप्त हुआ।
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