24 News update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग योगिन्द्र गिरी तलहट पर स्थित श्री प्रभुदास धाम रामद्वारा में गुरूवार को 42 वे दिन राम कथा के दौरान मेडता धाम के उतराधिकारी संत रामनिवास शास्त्री महाराज कहा राम मंत्र सब मन्त्रो का राजा है जो भवसागर को पार कराने वाला है। यह मन्त्र हजारों मन्त्रो के बरबर है। स्वर्ग व नरक यही है क्रोध नरक व प्रसन्नता स्वर्ग है सुख व दुःख समान होना चाहीये।
शास्त्री ने कहा जिनको काम,क्रोध, मद, अभिमान, मोह, लोभ,क्षोभ, राग,द्बेष, कपट,दम्भ और माया नही है, उनके ह््रदय मे भगवान निवास करते है। पराई स्त्री को माँ के रुप मे देखना चाहिए नारी बडी हो तो माँ, बराबर की होतो बहन और छोटी होतो बेटी इस द्रष्टि से देखना चाहिए। नारी जगत की जननी है नारी का कोई दोष नहीं है । देखने वाले की द्रष्टि का दोष है। अतःनारी का सम्मान करना चाहिए। शास्त्री ने कहा मानव मे गुण भी है और अवगुण भी है गुणों को ग्रहण करना चाहिए और अवगुणों को निकाल देना चाहिए। स्वर्ग और नरक यही है क्रोध नरक है,और प्रसन्नता स्वर्ग है । सुख और दुख मे एक समान रहना चाहिए। संसार मे प्रेम स्वार्थ का होता हैं। संसार मे अधिकतर लोग प्रेम लोभ के कारण या डर के कारण करते है। राम के वनवास का वर्णन करते हुए राम सीता लक्ष्मण चलते चलते चित्रकूट पहुंचे जहा पवित्र नदी मंदाकिनी बहती है । चित्रकूट की महिमा बहुत सुन्दर है जिसका वर्णन करना मुश्किल है। रामकथा के दौरान मुझ मे राम तुज मे राम सबमे राम समाया है,सबसे करलो प्रेम जगत मे कोई नहीं पराया है.. .. सहित कई भजन प्रस्तृत किये। आर्गन पर केलाश माकड, तबले पर लोकेश ठाकुर ओर मंजीरे पर मंगलेश भाटी,लता तायल आदी ने संगत दी। संत उदयराम महाराज,संत अमृतराम महाराज के सानिध्य पण्डित विनोद त्रिवेदी के मत्रोच्चारण के साथ यजमान मधुकर/सुरजमल भावसार परिवार ने पोथी और व्यासपीठ का पूजन किया । इस अवसर पर जयंती लाल मोची, विजयराम भावसार, रमाकांत भावसार, प्रसाद भावसार, कमल शर्मा, , लक्ष्मण, बादल,गणेश भावसार, हर्षित, महेश,नयन, हेमंत शुक्ला, कोशिक भावसार, प्रभाशंकर फलोत, हेमंत भावसार, मधुकर भावसार,राजेंद्र शुक्ला, लाला भाई भावसार,अरुणा भावसार, पिंकी भावसार, मधुकान्ता भावसार, भावना। भावसार, मीना भावसार,एवं भीलुडा से भी कई रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।
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