24 News Update जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में न्याय की गति को नई रफ्तार मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर राजस्थान हाईकोर्ट के लिए 7 नए जजों की नियुक्ति का आदेश जारी किया है, जिससे अब न्यायाधीशों की कुल संख्या इतिहास में पहली बार 43 तक पहुंच गई है। न्यायिक नियुक्तियों का यह फैसला राज्य में वर्षों से लंबित मुकदमों के बोझ को कम करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
6 वकील और 1 न्यायिक अधिकारी को मिली जिम्मेदारी
इन नियुक्तियों में 6 वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वकील कोटे से और 1 न्यायिक अधिकारी संगीता शर्मा को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। जयपुर और जोधपुर से चयनित इन अधिवक्ताओं ने वर्षों तक हाईकोर्ट में वकालत कर न्यायिक प्रणाली से गहरी समझ हासिल की है।
पहली बार 40 के पार पहुंची संख्या, 50 पदों में 43 भरे
राजस्थान हाईकोर्ट में कुल 50 न्यायाधीशों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से अब 43 पद भर चुके हैं। इससे पहले हाईकोर्ट में अधिकतम 36 जज ही कार्यरत थे। नए जजों की तैनाती से मुकदमों की सुनवाई प्रक्रिया में गति आने की उम्मीद की जा रही है।
हर जज पर 16 हजार केस का बोझ, अब बदलाव की उम्मीद
अप्रैल 2025 तक राजस्थान हाईकोर्ट में कुल 6,11,650 मुकदमे लंबित थे। मौजूदा हालात में एक जज पर औसतन 16,000 से ज्यादा केस का भार है। नए जजों की नियुक्ति से न केवल न्यायिक प्रणाली को मजबूती मिलेगी, बल्कि जनता को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद भी बढ़ेगी।
जजों की संख्या 70 तक बढ़ाने की भी मांग
इस साल मार्च में जयपुर में आयोजित एक विधिक समारोह में एक उच्च न्यायाधीश ने केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के समक्ष न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 से बढ़ाकर 70 करने की मांग भी रखी थी। यह मांग राजस्थान की बढ़ती जनसंख्या और केस लोड को देखते हुए बेहद जरूरी मानी जा रही है।
नए न्यायाधीश
संदीप तनेजा — स्थायी न्यायाधीश
बलबिंदर सिंह संधू — अतिरिक्त न्यायाधीश
विपिन गुप्ता — अतिरिक्त न्यायाधीश
संजय पुरोहित — अतिरिक्त न्यायाधीश
रवि चिरानिया — अतिरिक्त न्यायाधीश
अनुरूप सिंघि — अतिरिक्त न्यायाधीश
संगीता शर्मा — अतिरिक्त न्यायाधीश (न्यायिक सेवा से)
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