24 News Update जयपुर | राज्य सरकार ने इस वर्ष संपत्ति रजिस्ट्री से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और जमीन की DLC दरों को जस का तस रखते हुए सरकार ने कंस्ट्रक्शन कॉस्ट (निर्माण लागत) में भारी बढ़ोतरी की है। नई दरें लागू होने के बाद कई श्रेणियों की रजिस्ट्री का न्यूनतम मूल्य बढ़ जाएगा।
RCC कंस्ट्रक्शन की लागत 600 रु प्रति वर्ग फीट बढ़ी
वित्त विभाग के आदेशों के अनुसार, RCC छत वाले आवासीय व व्यावसायिक निर्माण की लागत 1200 रुपए से बढ़ाकर 1800 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दी गई है। निर्माण लागत में यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी मानी जा रही है।
मॉल, होटल और क्लबों की लागत भी बढ़ी
सरकार ने मल्टी स्टोरी और व्यावसायिक भवनों की लागत में भी संशोधन किया है—
मल्टीप्लेक्स वाले शॉपिंग मॉल की निर्माण लागत 1815 रु से बढ़कर 2100 रु प्रति वर्ग फीट
बिना मल्टीप्लेक्स वाले मॉल की लागत 1430 रु से बढ़कर 2000 रु प्रति वर्ग फीट
5-स्टार होटल/क्लब की लागत 2090 रु से बढ़कर 2500 रु प्रति वर्ग फीट
5-स्टार से नीचे की कैटेगरी के होटलों की लागत 1595 रु से बढ़ाकर 2100 रु प्रति वर्ग फीट
खाली जमीन की बाउंड्री वॉल भी महंगी
केवल बाउंड्रीवाल बने प्लॉटों की लागत भी बढ़ाई गई है। पुरानी दर: 400 रुपया प्रति रनिंग मीटर नई दर: 500 रुपया प्रति रनिंग मीटर औद्योगिक प्लॉटों पर बने शेड/वेयरहाउस की लागत भी 4000 रु से बढ़ाकर 5000 रु प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है।
आम खरीदार पर नहीं बढ़ेगा बोझ
विशेषज्ञों का मानना है कि शहरों और कस्बों में मकान, फ्लैट और दुकानें सामान्यतः सरकार द्वारा तय न्यूनतम मूल्य से अधिक कीमत पर बिकती हैं। ऐसे में नई निर्माण लागत का आम खरीदार पर सीधा आर्थिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
संशोधित दरों का असर मुख्यतः उन संपत्तियों पर पड़ेगा जिनकी बिक्री कीमत अब भी सरकारी न्यूनतम मूल्यांकन के करीब होती है। निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, स्टील, मेटल आदि के दाम लगातार बढ़े हैं। सरकार का कहना है कि वास्तविक निर्माण लागत बढ़ने के कारण नई दरें बाजार की स्थिति के अनुरूप तय की गई हैं।

