24 news update चित्तौड़गढ़। रेल यात्रा के दौरान हुई चोरी की एक पुरानी गुत्थी को जीआरपी पुलिस ने आखिरकार सुलझा लिया है। करीब एक साल की जांच और 10 महीनों की तलाश के बाद पुलिस ने चंदेरिया के पास एक गांव से शातिर चोर हंसराज गुर्जर को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने जयपुर-असावरा एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला का पर्स पार किया था, जिसमें मोबाइल, सोने का मंगलसूत्र और चांदी के सिक्के थे। बरामद सामान की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये आंकी गई है।
साल भर पुरानी वारदात, अब जाकर हुआ पर्दाफाश
23 जून 2024 को दर्ज मामले की तह तक जाते हुए जीआरपी थाना प्रभारी अनिल देवल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। मोबाइल ट्रैकिंग की मदद से आरोपी को ढूंढ़ निकाला गया। पुलिस के अनुसार, घटना 2 मार्च 2024 की है, जब जयपुर निवासी व्यवसायी रविप्रताप सिंह अपनी पत्नी और बेटे के साथ ट्रेन से सफर कर रहे थे। रास्ते में उनकी पत्नी का पर्स गायब हो गया था। शुरुआत में मामला अहमदाबाद जीआरपी में दर्ज हुआ, लेकिन बाद में यह केस चित्तौड़गढ़ स्थानांतरित किया गया।
घर में छुपा रखा था चोरी का माल
पुलिस की टीम लगातार मोबाइल को ट्रैक कर रही थी। आरोपी समय-समय पर मोबाइल चालू करता, लेकिन कुछ ही मिनटों में उसे फिर बंद कर देता। यही गलती उसके गले की फांस बन गई। टीम ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि चोरी का पूरा सामान उसने अपने घर में ही छिपा रखा था।
सीरियल चोर, पहले भी जा चुका है जेल
हंसराज गुर्जर के खिलाफ चोरी, लूट, वाहन चोरी, शराब तस्करी और मारपीट जैसे गंभीर मामलों में पहले से ही कई केस दर्ज हैं। वर्ष 2018 में भी चित्तौड़गढ़ जीआरपी ने उसे चोरी के आरोप में जेल भेजा था।
पुलिस टीम को मिली सफलता
इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में हेड कांस्टेबल सांवर सिंह, अनिल कुमार, कांस्टेबल पवन कुमार, रणजीत वर्मा और गोपाल लाल शामिल रहे। टीम की सक्रियता और तकनीकी निगरानी के चलते यह पुराना मामला सुलझ पाया।
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