24 News update उदयपुर। पिपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टिज (PUCL) उदयपुर शाखा और वामपंथी दलों ने लद्दाख के पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री सोनम वांगचुक की 26 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया। PUCL और वामपंथी दलों ने इसे लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ कृत्य करार देते हुए उनकी तत्काल रिहाई और आरोप वापस लेने की मांग की।
इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष अरुण व्यास, सचिव याकूब मोहम्मद, समता संवाद मंच के हिम्मत सेठ, जिला सचिव माकपा राजेश सिंघवी, प्रो. हेमेंद्र चंडालिया शंकरलाल चौधरी सहित PUCL और वामपंथी दलों के कई पदाधिकारी मौजूद थे। संगठन ने उदयपुर जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि लद्दाख में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा, चुनाव और विकास के 6 साल पुराने वादों को पूरा नहीं किया। इसके बावजूद कुछ युवाओं द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन किए जाने के बहाने वांगचुक को गिरफ्तार किया गया। PUCL ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन और तानाशाही की कोशिश करार दिया।
PUCL और वामपंथी दलों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि: सोनम वांगचुक को तुरंत रिहा किया जाए और उन पर लगाए गए आरोप वापस लिए जाएँ। लद्दाख में कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी हटाई जाए। जनता के बोलने, प्रदर्शन और लिखने के अधिकार पर लगी पाबंदियां हटाई जाएँ। अन्य गिरफ्तार युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए। 26 सितंबर 2025 की घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाई जाए। लद्दाख के पर्यावरण, संस्कृति और स्थानीय पहचान को बनाए रखने हेतु खनन माफिया पर नियंत्रण लगाया जाए। PUCL ने कहा कि सोनम वांगचुक जैसे पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता देशभक्त और लोकतंत्र संरक्षक हैं। संगठन ने राष्ट्रपति महोदया से हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार को निर्देश देने और लद्दाख में लोकतांत्रिक अधिकार बहाल करने की अपील की।

