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जन संघर्ष से निकलेगी विकल्प की राजनीति: माकपा बैठक में हुई गहरी चर्चा

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24 News Update उदयपुर। देश के समक्ष प्रमुख मुद्दे बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण, भ्रष्टाचार, और जाति-धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर भेदभाव हैं, जिनका समाधान केवल व्यापक एकता और संगठन के माध्यम से ही संभव है। यह विचार माकपा शहर कमेटी की रविवार को शिराली भवन में आयोजित बैठक में माकपा जिला सचिव और पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने व्यक्त किए। राजेश सिंघवी ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई घटना की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। हालांकि, भाजपा, आरएसएस और अन्य सांप्रदायिक संगठन इसे हिंदू-मुसलमान का विवाद बना रहे हैं, जो देश की एकता, अखंडता और भाईचारे को नुकसान पहुंचा रहा है। सिंघवी ने बताया कि 18 अप्रैल को हुई जिला कमेटी की बैठक में पार्टी सदस्यता में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब हमें इसके साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं में राजनीतिक बदलाव लाने के लिए सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास और भेदभाव के खिलाफ भी अभियान चलाना होगा। उन्होंने वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष दलों से अपील की कि वे 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर उदयपुर शहर में होने वाली रैली, प्रदर्शन और धरने को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटें।
बैठक में कच्ची बस्ती फेडरेशन के उपाध्यक्ष हमेर सिंह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस हर चुनाव में कच्ची बस्तीवासियों को उनके मकान के पट्टे देने का वादा करती है, लेकिन आज तक उदयपुर की कच्ची बस्तियों के केवल 20% लोगों को ही यह पट्टे मिले हैं। शहर सचिव हीरालाल सालवी ने बताया कि उदयपुर में पार्टी कमजोर नहीं है और उसका आम जनता के मुद्दों पर संघर्ष का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब भी लोगों के मुद्दों पर निरंतर काम कर रही है और आने वाले समय में और मजबूती से काम करेगी। जिला सचिव मंडल सदस्य गुमान सिंह राव ने कहा कि उदयपुर में हर गरीब, वंचित और पीड़ित की लड़ाई लाल झंडे के तहत लड़ी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उदयपुर में हम एक सकारात्मक बदलाव के लिए विकल्प की राजनीति को आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने उदयपुर में आपसी भाईचारे को खत्म करने वाली ताकतों के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की। पार्षद राजेंद्र वसीता ने स्मार्ट सिटी के नाम पर भाजपा की योजनाओं का विरोध करते हुए कहा कि यह विकास का मॉडल केवल चुनिंदा लोगों के लिए लाभकारी है, जबकि आम जनता की स्थिति खराब हो रही है। महिला समिति की सचिव रानी माली ने कहा कि वामपंथी प्रगतिशील आंदोलन और संगठन की मजबूती से ही महिलाओं को बराबरी और स्वतंत्रता का अधिकार मिलेगा। उन्होंने भाजपा और आरएसएस की नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जो महिलाओं को धर्म, रीति रिवाज और परंपराओं के नाम पर गुलाम बनाए रखने की कोशिश कर रही है। बैठक में केशुलाल जैन, मोहम्मद शाहीद, जगदीश सालवी, अमजद शेख, रघुनाथ सिंह, शिव रेगर सहित अन्य नेता भी मौजूद थे। बैठक में आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की हत्याओं की कड़ी निंदा की गई और भारत सरकार से त्वरित और कड़ी कार्यवाही की मांग की गई। साथ ही, मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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