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जोधपुर जेल में सोनम वांगचुक से पत्नी की मुलाकात, 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

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24 News Update जोधपुर। लद्दाख के जाने-माने पर्यावरणविद् और सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक से मंगलवार रात उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने जोधपुर सेंट्रल जेल में मुलाकात की। उनके साथ वकील रितम खरे भी मौजूद थे। यह वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद पत्नी से पहली मुलाकात थी।
मुलाकात के बाद गीतांजलि अंगमो ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि उन्हें डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी मिल गई है। उन्होंने लिखा,
“आज रितम खरे के साथ वांगचुक से मुलाकात की। हमें डिटेंशन ऑर्डर मिला है, जिसे हम कानूनी रूप से चुनौती देंगे। इस दस्तावेज़ में एनएसए लगाने के सभी कारणों का विवरण है। अब हमारी कानूनी टीम इसे कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है।”

लद्दाख से हिरासत में लेकर जोधपुर भेजे गए थे वांगचुक
गौरतलब है कि 24 सितंबर को लद्दाख में छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। हिंसा के दो दिन बाद प्रशासन ने सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में ले लिया था। प्रशासन का आरोप है कि वांगचुक ने युवाओं को भड़काने और विवादित बयान देने का काम किया, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें लेह से जोधपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में रिहाई की याचिका पर 14 अक्टूबर को सुनवाई
गीतांजलि अंगमो ने 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पति की तत्काल रिहाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वांगचुक की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रेरित है और इससे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
वांगचुक की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि परिवार को गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया और पत्नी को मुलाकात की अनुमति भी नहीं दी गई। इस पर जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि हिरासत आदेश की प्रति पत्नी को दी जाए और वांगचुक को उचित मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को तय की गई है।

पत्नी का विरोध जारी, कई मंचों पर उठा चुकीं आवाज
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद से गीतांजलि लगातार उनकी रिहाई के लिए प्रयासरत हैं।
1 अक्टूबर को उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझने की अपील की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को भी यह पत्र भेजा।
2 अक्टूबर को X पर उन्होंने लिखा, “क्या भारत सचमुच आजाद है? आज कुछ अफसर हजारों लद्दाखियों पर अत्याचार कर रहे हैं।”
28 सितंबर को उन्होंने कहा था कि वांगचुक ने हमेशा गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया है और 24 सितंबर की हिंसा के लिए CRPF जिम्मेदार है।

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