24 न्यूज़ अपडेट शाहपुरा . शाहपुरा जिले को भंग किए जाने के विरोध में आज स्थानीय लोगों ने ब्लैक डे मनाया है। जिसको लेकर लोगों ने सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला। इस दौरान 202 व्यक्तियों ने पुलिस को सामूहिक गिरफ्तारी दी। साथ ही शाहपुरा जिला बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे गए है।3 किमी लंबा जुलूस निकाल पहुंचे उपखंड कार्यालय
समिति के संयोजक रामप्रसाद जाट और अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा ने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा गठित शाहपुरा जिले को वर्तमान सरकार ने 28 दिसंबर 2024 को भंग कर दिया था। तब से हर माह की 28 तारीख को यहां ब्लैक डे मनाया जाता है।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज सुबह 11 बजे महलों के चोक से एक विशाल रैली रवाना हुई जो बालाजी की छतरी ,सदर बाजार, नया, बाजार त्रिमूर्ति चौराया बस में स्टैंड रामद्वारा के मुख्य द्वार से भीलवाड़ा रोड उपखंड कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभी ने एक आवाज में कहा कि शाहपुरा जिला बहाल करो बहाल करो बहाल करो, जो एसडीओ कार्यालय तक पहुंची। वहां, शाहपुरा के सैकड़ों निवासी जिले की बहाली की मांग को लेकर संघर्ष समिति के संयोजक राम प्रसाद जाट सुनील मिश्रा एडवोकेट नमन ओझा कमलेश मुंडेतिया अनिल शर्मा शहाबुद्दीन उस्मान छीपा डा मोहम्मद इशाक अनिल शर्मा पूर्व पार्षद श्रीमती चंद्रकांता सेन सहित नगर वासियों ने गिरफ्तारियां दी। पुलिस द्वारा सभी कार्यकर्ताओं को दो बसों में भरकर भीलवाड़ा मार्ग की तरफ ले गए ।उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक शाहपुरा को जिला बहाल नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
बंद को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। शाहपुरा थाना प्रभारी सुरेशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों पर कड़ी नजर रख रहा था और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुस्तैद थी।उल्लेखनीय है कि पिछले 58 दिनों से एसडीओ कार्यालय के बाहर क्रमिक अनशन और धरना जारी है। हर दिन विभिन्न समाजों और संगठनों की ओर से धरना दिया जा रहा है और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इससे पहले, 28 जनवरी 25 तारीख को भी संघर्ष समिति द्वारा शाहपुरा बंद का आयोजन किया गया था, जिसमें विशाल आमसभा हुई थी। वह आयोजन शाहपुरा के इतिहास में ऐतिहासिक माना गया था।
शाहपुरा जिले की बहाली की मांग को लेकर जनता का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। शहरवासियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे आंदोलन को और अधिक मजबूत बनाएंगे। आंदोलनकारियों का यह संकल्प प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है और आने वाले दिनों में आंदोलन की तीव्रता और अधिक बढ़ने की संभावना है।
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