24 News Update मोतिहारी, बिहार – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मोतिहारी की ऐतिहासिक धरती से 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पण कर पूर्वी भारत के नए युग की घोषणा की। बाबा सोमेश्वरनाथ के चरणों में नमन कर प्रधानमंत्री ने बिहार की समृद्धि और सुख-शांति की कामना के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “यह चंपारण की वही धरती है जिसने महात्मा गांधी को दिशा दी थी, और अब यह धरती नए भारत को दिशा दे रही है।”
पूर्वी भारत का स्वर्ण युग और बिहार की निर्णायक भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की वैश्विक गति में अब पूर्वी देशों का दबदबा बढ़ रहा है, और भारत में पूर्वी राज्यों का समय आ गया है। उन्होंने ऐलान किया कि जैसे मुंबई, पुणे, सूरत और बेंगलुरु ने देश को नई पहचान दी, उसी तरह मोतिहारी, पटना, संथाल परगना और जलपाईगुड़ी जैसे शहर भविष्य की धुरी बनेंगे।
विकास में भेदभाव का अंत, अब 9 लाख करोड़ बिहार को
श्री मोदी ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बिहार के साथ भेदभाव किया, जिसके तहत 10 वर्षों में सिर्फ ₹2 लाख करोड़ मिले, जबकि उनकी सरकार ने 10 वर्षों में 9 लाख करोड़ से अधिक की राशि बिहार के विकास के लिए दी। उन्होंने कहा, “हमने बदले की राजनीति को खत्म किया और विकास की राजनीति को आगे बढ़ाया।”
गरीबों के हक़ की सीधी पहुंच, पक्के घरों से बदली तस्वीर
प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देशभर में 4 करोड़ से अधिक पक्के मकान बने, जिनमें 60 लाख से अधिक बिहार में हैं। अकेले मोतिहारी में 3 लाख परिवारों को मकान मिले, और आज 12,000 परिवारों को नई चाबी सौंपी गई। उन्होंने कहा, “जो कभी पेंट कराने से डरते थे, आज पक्का घर सजा रहे हैं।”
जनधन से जनसशक्तिकरण: महिलाएं बनीं आर्थिक ताकत
प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भूमिका को विकास की रीढ़ बताते हुए बताया कि बिहार में 3.5 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते हैं, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक बिहार की 20 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, और अकेले चंपारण में यह आंकड़ा 80,000 पार कर गया है। उन्होंने 400 करोड़ रुपये का सामुदायिक निवेश कोष जारी करने की घोषणा भी की।
नौजवानों को अवसर, स्वरोज़गार से लेकर निजी क्षेत्र की नौकरियों तक
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 1 अगस्त से एक नई योजना लागू होगी, जिसके तहत निजी कंपनियों में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को केंद्र सरकार ₹15,000 की सहायता देगी। इस योजना पर ₹1 लाख करोड़ खर्च होंगे। साथ ही मुद्रा योजना के तहत बिहार में लाखों युवाओं को ऋण दिया गया, चंपारण में अकेले 60,000 युवाओं को लाभ मिला।
‘लालटेन’ बनाम ‘उम्मीद’: विकास बनाम अंधकार का स्पष्ट अंतर
प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि पहले के शासन में रोजगार के नाम पर ज़मीन हड़प ली जाती थी। अब सरकार युवाओं को रोजगार और व्यवसाय के लिए अवसर दे रही है। उन्होंने कहा, “याद रखिए वो लालटेन वाला ज़माना, और देखिए आज उम्मीदों से रोशन बिहार।”
नक्सलवाद पर निर्णायक वार: अब उग्रवाद नहीं, उजाला है
प्रधानमंत्री ने कहा कि गया, जमुई, औरंगाबाद और चंपारण जैसे जिलों में अब नक्सलवाद तेजी से खत्म हो रहा है। उन्होंने दोहराया कि “हमारा संकल्प है – भारत को पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त बनाना।”
कृषि और किसानों के लिए ठोस कदम: मखाना, चावल, आम अब वैश्विक मंच पर
श्री मोदी ने मखाना किसानों को बड़ा बाज़ार दिलाने, मखाना बोर्ड के गठन और बिहार के पारंपरिक कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की बात कही। उन्होंने बताया कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों को ₹3.5 लाख करोड़ मिले, जिनमें से सिर्फ मोतिहारी के 5 लाख किसानों को ₹1,500 करोड़ से ज़्यादा की राशि मिली।
हर पिछड़े को प्राथमिकता: नई कृषि योजना का ऐलान
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में कैबिनेट ने “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को मंजूरी दी है, जिसके तहत देश के 100 सबसे पिछड़े कृषि ज़िलों की पहचान कर उन्हें विशेष सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा मिशन है – हर पिछड़ा वर्ग और क्षेत्र हमारी प्राथमिकता हो।”
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