24 news Update सूरत। बलात्कार मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 86 वर्षीय आसाराम को लेकर उसके अंधभक्त विवादों में घिर गए हैं। सोमवार को गुजरात के सूरत स्थित नए सिविल अस्पताल में आसाराम के समर्थकों ने स्टेम सेल भवन के गेट पर उसकी तस्वीर रखकर पूजा-आरती का आयोजन किया।
चौंकाने वाली बात यह रही कि इस आयोजन में वरिष्ठ डॉक्टर, नर्स और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हुए। आरती के दौरान भजन और मंत्रोच्चार किए गए। इस दौरान नवरात्रि में मां दुर्गा या किसी देवता की जगह आसाराम की पूजा करने पर विवाद और गहरा गया।
अस्पताल प्रशासन बेखबर
सिविल अस्पताल की अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार ने कहा कि वे छुट्टी पर हैं और उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई। घटना का वीडियो वायरल होते ही स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया।
कोर्ट से लगातार झटके
27 अगस्त: राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार किया और फटकार लगाई।
30 अगस्त: आसाराम ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया।
16 सितंबर: अहमदाबाद सिविल अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट की प्रतिलिपि मांगने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अर्जी दूसरी बेंच में लगाने को कहा।
23 सितंबर: गुजरात हाईकोर्ट ने भी मेडिकल ग्राउंड पर जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया। अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
बार-बार मेडिकल छूट और दर्शन
6 सितंबर से आसाराम बांसवाड़ा के आरोग्यम हॉस्पिटल में भर्ती है। यहां भी वह रोजाना टहलते हुए समर्थकों को दर्शन देता है। इससे पहले 4 सितंबर को वह जांच के लिए जोधपुर एम्स गया था।
रेप मामलों में सजा
आसाराम को 2018 में जोधपुर कोर्ट और 2023 में गांधीनगर कोर्ट ने बलात्कार के मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बावजूद वह अक्सर मेडिकल कारणों से जेल से बाहर आता रहा है।
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