📍 जयपुर | 24 न्यूज अपडेट
राजस्थान में रीट परीक्षा के दौरान जनेऊ उतरवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में महिला सुपरवाइजर और पुलिस कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया, जिसके विरोध में भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे अन्याय बताया और निलंबित कर्मचारियों की तत्काल बहाली की मांग की है।
राजकुमार रोत ने सरकार पर लगाए आरोप
- सरकारी आदेशों की पालना करना कर्मचारियों के लिए गुनाह बन गया है।
- कर्मचारियों का निलंबन अन्यायपूर्ण, सरकार तुरंत बहाल करे।
- क्या अब जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाएगा?
- कर्मचारियों को नियमों का पालन करने की सजा दी गई।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में 3 मार्च को आयोजित रीट परीक्षा के दौरान डूंगरपुर जिले के एक परीक्षा केंद्र में दो ब्राह्मण अभ्यर्थियों को जनेऊ उतारने के बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेशभर में विवाद खड़ा हो गया।
इस मुद्दे को कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने विधानसभा में उठाया और इसे भजनलाल सरकार की विफलता करार दिया। ब्राह्मण संगठनों और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने इसे धार्मिक आस्था के खिलाफ कार्रवाई बताते हुए जोरदार विरोध किया।
बढ़ते विवाद के बाद डूंगरपुर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई और महिला सुपरवाइजर एवं पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया।
ब्राह्मण संगठनों की प्रतिक्रिया
👉 विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष प्यारेलाल शर्मा ने कहा, “ब्राह्मण अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने की घटना निंदनीय है। हम इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार का फैसला सही है, लेकिन आदिवासी पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर ब्राह्मण समाज के साथ अन्याय कर रही है।”
👉 सर्व ब्राह्मण महासभा ने इसे सनातन संस्कृति का अपमान बताते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
अब आगे क्या?
सरकार के निलंबन आदेश के बाद मामला और गरमा गया है।
- सरकार पर दबाव: जहां ब्राह्मण संगठनों ने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया है, वहीं आदिवासी संगठन कर्मचारियों की बहाली की मांग कर रहे हैं।
- आंदोलन की संभावना: अगर कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई तो आदिवासी संगठनों द्वारा आंदोलन किया जा सकता है।
- सरकार की चुनौती: भाजपा सरकार पर जातिगत संतुलन बनाए रखने और निष्पक्ष निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है।
📌 विशेष जानकारी (BOX)
✅ घटना: डूंगरपुर के परीक्षा केंद्र में जनेऊ उतरवाने का मामला।
✅ प्रतिक्रिया: ब्राह्मण संगठनों का विरोध, सरकार ने कार्रवाई की।
✅ सरकारी फैसला: महिला सुपरवाइजर और कांस्टेबल निलंबित।
✅ राजनीतिक मोड़: आदिवासी पार्टी ने इसे अन्याय बताया, बहाली की मांग।
✅ आगे की संभावना: आंदोलन तेज हो सकता है, सरकार पर दबाव बढ़ेगा।

