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सामाजिक और आर्थिक आजादी के बिना राजनीतिक आजादी के कोई मायने नहीं : सिंघवी

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। देश में फासीवादी सत्ता शहीद भगत सिंह के सपनों को चकनाचूर कर धर्म और जाति के नाम देश को बांट पूंजीपतियों की दलाली कर रही है, ऐसे में हमें व्यक्तिगत आराम छोड़ साहस, दृढ़ता और मजबूत संकल्प के साथ भगत सिंह के क्रांति के रास्ते को आगे बढ़ाना होगा। यह विचार भाकपा (माले) के राज्य सचिव शंकर लाल चौधरी ने भगत सिंह ,राजगुरु, सुखदेव के 95 वे शहादत दिवस पर सेवाश्रम स्थित भगत सिंह मूर्ति स्थल पर आयोजित सभा में व्यक्त किये।
माकपा जिला सचिव और पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक आजादी के बिना राजनीतिक आजादी के कोई मायने नहीं है ,ऐसे में अगर हम शहीद भगत सिंह को सच्ची श्रधाञ्जलि देना चाहते हैं तो हमें समाजवादी समाज की स्थापना के संघर्ष को तेज करना होगा। सिंघवी ने कहा कि भगत सिंह समाज में फैली हर ऊंच नीच को खत्म करना चाहते थे। भगत सिंह इंसान के जीवन को सबसे मूल्यवान समझते थे और क्रांति को परिभाषित करते हुए उन्होंने क्रांति और हिंसा को अलग-अलग बताया था।
प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया ने कहा कि भगत सिंह ने अपने आखिरी पत्र में बताया था कि जीने की इच्छा मुझ में भी है और मैं इसे छुपाना नहीं चाहता लेकिन मैं गुलाम होकर जीना नहीं चाहता। उन्होंने आम युवाओं को भगत सिंह के विचारों को आत्मसात कर उनके सपने को पूरा करने के संघर्ष को तेज करने की अपील की।
भाकपा सह सचिव हिम्मत चांगवाल ने कहा कि भगत सिंह धार्मिक कट्टरपन और अंधविश्वास को देश की प्रगति के सबसे बड़े बाधक मानते हुए उनसे छुटकारा पाने की अपील करते हुए कहते हैं कि जो आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर पाए, उन्हें खत्म हो जाना चाहिए।
एपवा की राज्य सचिव फरहत बानू ने कहा कि देश की आम जनता ,मजदूर , किसानों और महिलाओं की समस्याओं से मुक्ति का रास्ता भगत सिंह के विचारों के देश को बनाने से ही संभव है।
सभा को ट्रेड यूनियन काउंसिल के संयोजक पी एस खींची ने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था के रहते समानता स्थापित नहीं की जा सकती, इसलिए हमें वर्ग संघर्ष को तेज करना होगा।
वरिष्ठ समाजवादी नेता रामचंद्र सालवी ने कहा कि आज देश में धर्म और राजनीति का गालमेल किया जा रहा है जबकि भगत सिंह ने धर्म के बारे में कहा था कि धर्म राजनीति से अलग हो यह व्यक्ति का निजी मामला है। उन्होंने इंकलाब के अर्थ को बताते हुए इसे पूंजीवाद की मुक्ति होना बताया था।


इस अवसर पर सभा को भाकपा (माले) के जिला सचिव डॉ चंद्रदेव ओला , एकटु के सौरभ नरूका माकपा के हीरालाल सालवी, गुमान सिंह राव, राजेंद्र वसीता, समाजवादी साहित्यकार हिम्मत सेठ, एमसीपीआई के रामचंद्र शर्मा, ठेला व्यवसाय मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद निजाम, उपाध्यक्ष शाहिद मोहम्मद, निर्माण मजदूर एकता यूनियन के अध्यक्ष शमशेर खान ,सचिव अमजद शेख ,नेशनल हॉकर फेडरेशन के राज्य संयोजक याकूब मोहम्मद , नौजवान सभा के पूर्व जिला सचिव ललित मीना ने भी विचार व्यक्त किया।
सभा के पूर्व वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष दलों तथा सामाजिक जनवादी संगठनों की ओर से टाउन हॉल से दो पहिया वाहन रैली निकाली गई जो रैली विभिन्न मार्गो से होते हुए सेवा श्रम स्थित भगत सिंह मूर्ति स्थल पर पहुंची ,जहां पर भगत सिंह को माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

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