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विद्यापीठ में 250 से अधिक पौधों का रोपण — हरियाली, पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अद्भुत पहल, वृक्ष केवल छाया नहीं देते, वे भविष्य को संरक्षित करते हैं” — प्रो. सारंगदेवोत

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24 News Update उदयपुर.
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बुधवार को पर्यावरणीय जागरूकता और समाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल कायम करते हुए संघन वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर, कुलगुरु प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, प्राचार्यगण, डॉक्टर, पर्यावरण प्रेमी, छात्र और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।


🌳 विविध प्रजातियों के पौधे—धरती को मिली हरियाली की सौगात

इस कार्यक्रम के तहत नीम, पीपल, जामुन, अमरूद, अनार जैसे देशज वृक्षों के साथ-साथ विदेशी सजावटी और सुगंधित प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया। कुल मिलाकर 250 से अधिक पौधे रोपे गए, जिनमें कई औषधीय महत्व वाले वृक्ष भी शामिल हैं।

कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने बताया—

“एक परिपक्व वृक्ष प्रति वर्ष 20-21 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड सोखकर लगभग 260 किलो ऑक्सीजन छोड़ता है। यह 18 लोगों की सालभर की ऑक्सीजन जरूरत पूरी करने में सक्षम होता है। ऐसे में प्रत्येक पौधा मानवता की सेवा में एक जीवंत यंत्र की भांति कार्य करता है।”


🧠 वृक्षारोपण और मानसिक स्वास्थ्य: विज्ञान भी करता है पुष्टि

कुलगुरु प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने वृक्षों को केवल पर्यावरणीय नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जीवनदायक बताया। उन्होंने कहा—

“आज के तनावपूर्ण जीवन में हरे-भरे वातावरण का मानसिक संतुलन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। शोध प्रमाणित करते हैं कि प्रकृति के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति में अवसाद, चिंता और क्रोध की प्रवृत्ति कम होती है। विद्यापीठ का यह प्रयास छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की पुनः स्थापना करेगा।”

प्रो. सारंगदेवोत ने यह भी बताया कि विद्यापीठ के तीनों परिसरों में चरणबद्ध तरीके से वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा, ताकि पूरे परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।


👣 “एक पौधा, एक प्रण” – छात्रों व शिक्षकों ने लिया पौधों के संरक्षण का संकल्प

इस आयोजन को सिर्फ प्रतीकात्मक न बनाकर उत्तरदायित्व आधारित पहल बनाया गया।
प्रत्येक प्रतिभागी ने अपने नाम का पौधा लगाकर उसके संरक्षण का व्यक्तिगत संकल्प लिया। यह कदम समाज को यह संदेश देता है कि वृक्षारोपण केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धता भी है।

उल्लेखनीय उपस्थिति में रहे:


🌍 स्थानीय से वैश्विक सरोकार: पर्यावरणीय लक्ष्य की ओर एक सशक्त कदम

यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG-13: Climate Action) की दिशा में विद्यापीठ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कार्यक्रम न केवल वृक्षों के रोपण तक सीमित रहा, बल्कि इसके ज़रिए पर्यावरणीय जागरूकता, भावी पीढ़ियों में प्रकृति प्रेम और सामाजिक सहभागिता जैसे मूल्यों को भी रोपित किया गया।


🌱 “प्रकृति से जुड़ाव, संस्कृति का नव निर्माण”

कार्यक्रम के अंत में एक सांस्कृतिक संवाद भी हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने वृक्षों पर आधारित लोकगीत, कविता और विचार प्रस्तुत किए। यह आयोजन केवल एक पौधारोपण कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि यह एक हरित सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में अंकित हुआ।

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