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पेराफेरी संघर्ष समिति ने पट्टों के लिए भरी हुंकार, प्रशासनिक तानाशाही के खिलाफ गुस्सा

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24 News Updae उदयपुर। यूडीए द्वारा लगातार की जा रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइयों के विरोध में मंगलवार को पेराफेरी पंचायत जिला संघर्ष समिति पट्टों की प्रमुख मांग को लेकर सड़कों पर उतर आई। समिति के संयोजक चंदन सिंह देवड़ा के नेतृत्व में पेराफेरी क्षेत्र के बड़ी संख्या में सरपंच, उपसरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे और जमकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अतिरिक्त कलेक्टर को सौंपा।

फाइलों में दबे पड़े हैं आबादी विस्तार के आदेश
संयोजक चंदन सिंह देवड़ा ने बताया कि समिति ने वर्ष 2022 में बड़े आंदोलन के बाद 45 पंचायतों की आबादी भूमि यूडीए से पंचायतों के नाम हस्तांतरित करवाई थी। इसके बावजूद कई पंचायतों में आबादी विस्तार के आदेश वर्षों से अधिकारियों की फाइलों में दबे पड़े हैं।
देवड़ा ने कहा कि रोजाना अतिक्रमण की शिकायतों पर आमजन और प्रशासन आमने–सामने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिन पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया है, वहां नियमों में शिथिलता बरतकर 69-ए के तहत पट्टे जारी करने की मांग की गई है।

अतिक्रमण के समर्थक नहीं, हक की लड़ाई लड़ रहे हैं
संघर्ष समिति ने साफ कहा कि वह सरकारी भूमि को ताजा अतिक्रमण कर कब्जा करने वालों का समर्थन नहीं करती। लेकिन जहां वर्षों से आबादी बस चुकी है, वहां सर्वे कराकर पंचायतों अथवा निगम के माध्यम से वैध पट्टे जारी किए जाएं।
समिति ने कहा कि हालिया कार्रवाई के आधार पर पूरे पेराफेरी के नागरिकों को अतिक्रमी कहना गलत है। “हम हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और इसे मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।”

कलेक्ट्रेट पर दिखा जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा
जिन प्रतिनिधियों ने आंदोलन में हिस्सा लिया उनमें सरपंच संघ अध्यक्ष माधव लाल अहीर, देवकिशन सुथार, हेमराज गुर्जर, ईश्वर लाल, दूल्हे सिंह, उमेश गुर्जर, सत्यनारायण लाल, शंकर लाल, मोहन पटेल, भूरी लाल गमेती, दिनेश डांगी, विष्णु पटेल, भुवनेश व्यास, मनोहर सिंह, शंभू डांगी, निर्भय सिंह, गोपाल मीणा, पुरन मीणा, नारायण लाल, प्रियंका सुथार, अनिल मीणा, मीरा बाई समेत अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मंत्री गौतम दक से मिला प्रतिनिधिमंडल, नियमों में शिथिलता की मांग
संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल उदयपुर प्रवास पर आए सहकारिता मंत्री गौतम दक से भी मिला। प्रतिनिधियों ने कहा कि पेराफेरी क्षेत्र में वर्षों से बसे लोगों को वैध पट्टे दिलाने के लिए सरकार को नियमों में व्यावहारिक ढील देनी चाहिए।
उनका कहना था कि पंचायतों को भूमि हस्तांतरित कर अधिकार दिए जाएं ताकि आमजन को राहत मिल सके और यूडीए की मनमानी समाप्त हो।
इस दौरान सांसद मन्ना लाल रावत, जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह, पुष्कर तेली, ग्रामीण विधायक फूल सिंह भी मौजूद रहे।

संघर्ष समिति की मुख्य मांगे
निगम में शामिल पेराफेरी पंचायतों में बसावट की 31 दिसंबर 2024 की स्थिति के आधार पर 69-ए के तहत पट्टे जारी किए जाएं।
जिन पंचायतों में निगम विस्तार की अधिसूचना से पहले पट्टे जारी करने की आपत्तियां प्रकाशित हो चुकी हैं, उन फाइलों का विशेष राहत के साथ निस्तारण किया जाए।
यूडीए क्षेत्र की पंचायतों में 31 दिसंबर 2024 तक आबादी बसे क्षेत्र के समीप की भूमि को पंचायतों को आबादी प्रयोजनार्थ हस्तांतरित किया जाए। बिना नोटिस तोड़े गए गरीबों के मकानों के लिए मुआवजा दिया जाए, और भविष्य में बिना सुनवाई का अवसर दिए किसी का आशियाना न तोड़ा जाए।

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