24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। गणेश चतुर्थी पर उदयपुर के प्राचीन बोहरा गणेशजी मंदिर में भोर से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। महिला और पुरुषों की अलग-अलग कतारें मंदिर के बाहर बहुत दूर तक लगी हुई है। वातावरण में गूंजते “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया है। विघ्नहर्ता गणपति जी को चांदी जड़ित पोशाक पहनाई गई और करीब 21 से 25 किलो स्वर्णाभूषणों से अलंकृत किया गया। चमकते आभूषणों से सुसज्जित भगवान का स्वरूप श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
ध्वजा परिवर्तन की परंपरा
मंदिर पुजारी परिवार के पंडित हितेष जोशी ने बताया कि वर्ष में केवल इसी दिन मंदिर की ध्वजा बदली जाती है। गणेश चतुर्थी पर यह परंपरा निभाते हुए आज नई ध्वजा धारण कराई गई। सुबह 4 बजे से ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान प्रारंभ हो गए। दोपहर 12ः15 बजे प्रथम महाआरती संपन्न हुई। शाम 7ः15 बजे की महाआरती में हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
सजीव और रंगीन सजावट
मंदिर परिसर को फूलों, फर्रियों और रोशनी से सजाया गया है। ऊंट, हाथी और कंगारू की प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। हर कोई भक्त गणेशजी के दिव्य स्वरूप के दर्शन के लिए आतुर है। बोहरा गणेशजी के साथ ही जाड़ा गणेशजी, पाला गणेशजी और दुधिया गणेशजी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। शहर में कई गणपति मंडलों में प्रतिमा की स्थापना धूमधाम से हो रही है। इसके अलावा आस पास के इलाकों से व उपनगरीय क्षेत्रों से भी कई पांडालों में गणपति लाने का उपक्रम धूमधाम व गाजे बाजे के साथ हो रहा है।
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