24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) प्रशासन अपने ही बनाए नियमों के जाल में उलझता नजर आ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्ववित्त पोषित सलाहकार मण्डल के कर्मचारियों के कार्यादेश और वेतनादेश 1 जुलाई 2025 से जारी ही नहीं किए हैं। लेकिन अब उन्हीं कर्मचारियों को काम पर उपस्थित रहने व धरने में शामिल न होने का नोटिस थमा दिया है।
विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को महाविद्यालयों के विभागाध्यक्षों और प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी एसएफएबी कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज कर कार्यस्थल पर उपलब्ध रहें तथा किसी भी हड़ताल, अवांछनीय गतिविधि या विश्वविद्यालय की गरिमा के विरुद्ध गतिविधि में शामिल न हों। यदि ऐसा करते पाए गए तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
कर्मचारियों का तर्क – जब आदेश नहीं, तो जवाबदेही कैसी?
कर्मचारियों का कहना है कि जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने 1 जुलाई 2025 से आगे का कार्यादेश और वेतनादेश जारी ही नहीं किया, तो फिर उनकी सेवाओं को लेकर किसी भी प्रकार का आदेश या नोटिस कैसे जारी किया जा सकता है। यह व्यवस्था तर्कसंगत नहीं है और सीधे तौर पर कर्मचारियों को डराने, दबाव बनाने व उनकी जायज़ मांगों को कुचलने की कोशिश है।
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय संविदा/एसएफएबी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष नारायणलाल सालवी ने कहा एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 30 जून तक कार्य और वेतन आदेश समाप्त कर दिया। 13 दिन बीतने के बाद भी आदेश जारी नहीं किए और जब कर्मचारी शांतिपूर्ण धरने पर बैठे तो उल्टे नोटिस देकर दबाव बनाया जा रहा है। यह बेगार करवाने जैसा है। तानाशाही की हद है कि जिनकी नौकरी का आदेश ही नहीं, उनसे काम पर उपस्थित रहने और हड़ताल न करने का फरमान जारी किया जा रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रशासन की दोहरी नीति का जीता-जागता उदाहरण है। धरना दे रहे कर्मचारियों ने एक स्वर में इस आदेश की निंदा करते हुए इसे शोषण व भय का औजार बताया। कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि 16 जुलाई से आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। सभी कर्मचारी रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर माननीय राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। उनका कहना है कि शिक्षा के मंदिर में बैठे तानाशाह अफसरों से कर्मचारियों के हितों की रक्षा कराना जरूरी है। कर्मचारी संगठन ने सरकार से मांग की है कि तुरंत 1 जुलाई 2025 से आगे के कार्यादेश और वेतनादेश जारी कर नियमित नियुक्ति तक सभी संविदाकर्मियों को सुरक्षित किया जाए।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.