24 news Update जयपुर। अपराधियों के राजस्थान की जेलों में मजे हो रहे हैं। मोबाइल तो ऐसे मिल रहे हैं कि जैसे हर कोई मोबाइल उठाए जेल ही चला आ रहा है और महाभ्रष्ट तंत्र जिसमें नेताओं की मिलीभगत है, आदर सत्कार के साथ अपराधियों को सुरक्षित तरीके से जेल में मोबाइल पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहा हैं सब जानते हैं कि जेल से ही खेल चलता है। वहीं से वसूली के सौदे होते हैं, कई अपराधों ीक पृष्ठभूमि तैयार होती है। मगर जांच कौन करे। सही जांच हो जाए तो शायद ही कोई बच पाए।
जयपुर सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदियों के पास लगातार मोबाइल मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार को हुई तलाशी में दो और मोबाइल बरामद हुए। इस तरह पिछले 22 दिनों में जेल से अब तक 34 मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं।
19 एफआईआर दर्ज, पर जांच अब तक शुरू नहीं
जेल प्रशासन की ओर से मोबाइल बरामदगी के मामलों में अब तक लालकोठी थाने में 19 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। बावजूद इसके, मोबाइल जेल के भीतर कैसे पहुंच रहे हैं और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं, इस पर किसी भी एजेंसी ने अब तक जांच शुरू नहीं की है। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
वार्ड 13 और 5 से मोबाइल बरामद
लालकोठी थाने के एएसआई और जांच अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि 28 सितंबर को दो मोबाइल मिले।
सुबह करीब 9ः45 बजे वार्ड 13 की तलाशी के दौरान विचाराधीन बंदी पुलकित यादव के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। पूछताछ में वह इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका।
वहीं, रात करीब 1ः30 बजे वार्ड 5 की तलाशी में भी एक मोबाइल फोन मिला।
दोनों मामलों में जेल प्रहरियों गिर्राज प्रसाद और मुनेष सिंह ने अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई।
बार-बार सवालों के घेरे में जेल प्रशासन
लगातार मोबाइल बरामद होने के बावजूद जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और चेकिंग सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बंदियों तक मोबाइल पहुंचाने में जेल के भीतर और बाहर के लोगों की मिलीभगत हो सकती है। इसके बावजूद किसी उच्चस्तरीय जांच का आदेश अब तक नहीं हुआ है।

