24 न्यूज अपडेट, उदयपुर।राज्य सरकार ने सिकल सैल एनीमिया के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उदयपुर के महाराणा भूपाल (एमबी) अस्पताल स्थित सिकल सैल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अब वयस्क मरीजों का भी इलाज शुरू किया जाएगा। अब तक यह सुविधा केवल बच्चों के लिए सीमित थी, लेकिन नए दिशा-निर्देशों के तहत इस केंद्र पर सभी आयु वर्ग के मरीजों को मुफ्त और उन्नत उपचार मिलेगा।
हर आयु वर्ग के मरीजों को मिलेगा लाभ
सिकल सैल सेंटर अब केवल उदयपुर ही नहीं, बल्कि राजस्थान के अन्य जिलों से आने वाले मरीजों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बनेगा। यहां जांच, टीकाकरण, फिजियोथैरेपी, रक्त संचरण, परामर्श, प्रचार-प्रसार, शोध और आउटरीच कैंप जैसी सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध होंगी। इस केंद्र में जनजातीय बहुल क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
सुसज्जित वार्ड और विशेषज्ञ स्टाफ
राज्य सरकार और जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से इस सेंटर के लिए 18 मार्च 2025 को बजट स्वीकृत किया जा चुका है। इसके तहत जल्द ही अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जाएगी। केंद्र के संचालन के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर. एल. सुमन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके साथ सहायक नोडल अधिकारी डॉ. भूपेश जैन और नर्सिंग समन्वयक ललित पारगी भी कार्यरत रहेंगे।
प्रशिक्षित डॉक्टर और फिजियोथैरेपिस्ट देंगे नियमित सेवाएं
प्रत्येक दिन सेंटर में प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट मरीजों की देखभाल करेंगे, वहीं मेडिसिन विभाग के ऑन-कॉल डॉक्टर्स रोजाना जाकर मरीजों का परीक्षण करेंगे। इस पूरे ढांचे को इस प्रकार तैयार किया गया है कि मरीजों को एक ही छत के नीचे सम्पूर्ण सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगा प्रशिक्षण
इस सेंटर को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। राजस्थान के अन्य जिलों से आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों को यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सिकल सैल से संबंधित प्राथमिक उपचार और परामर्श दे सकें।
राष्ट्रीय मिशन को मिलेगी मजबूती
यह पहल राष्ट्रीय सिकल सैल एनीमिया उन्मूलन मिशन का अहम हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक देश से सिकल सैल एनीमिया को समाप्त करना है। एमबी अस्पताल का यह विस्तारित केंद्र इस मिशन को जमीनी स्तर पर मजबूती देगा।
अब तक केवल बाल रोगियों को मिलता था उपचार
गौरतलब है कि अब तक इस सेंटर में केवल बच्चों का ही इलाज होता था। वयस्क मरीजों को उपचार के लिए अन्य अस्पतालों या निजी संस्थानों की शरण लेनी पड़ती थी। लेकिन अब वयस्कों के लिए भी यह केंद्र आशा की किरण बनकर उभरेगा।
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