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“नमस्कार से पाप नष्ट और पुण्य की होती है वर्षा : जैनाचार्य रत्नसेन सूरीश्वर महाराज”

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24 News Update उदयपुर।
श्री शांतिनाथ जैन संघ, हिरणमगरी सेक्टर 4 के जिनालय में आयोजित धर्मसभा में जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नसेन सूरीश्वर महाराज ने कहा कि ‘नमस्कार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं’। उन्होंने कहा कि संसार में पुण्य अर्जन के अनेक साधन हैं, परंतु अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधुओं को किया गया नमस्कार आत्मा को पापों से मुक्त कर आत्मोन्नति की ओर ले जाता है। धर्मसभा में कहा कि “जैसे दीप जलते ही अंधकार मिट जाता है, वैसे ही पंच परमेष्ठियों को नमस्कार करने से भीतर का अज्ञान, पाप व अवरोध नष्ट होते हैं।” उन्होंने शास्त्रों के आधार पर पुण्य अर्जन के नौ प्रकार बताए – जिसमें अन्नदान, जलदान, वस्त्रदान, आसनदान, शयंदान, शुभ विचार, सही वचन, परोपकार और नमस्कार प्रमुख हैं।
चातुर्मास में होंगे 45 आगम तप
संघ के कोषाध्यक्ष राजेश जावरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि मालदास स्ट्रीट पेढ़ी में चातुर्मास के दौरान कुल 45 आगम तप आयोजित किए जाएंगे, जिनमें 39 एकासन और 3 आयंबिल तप सम्मिलित हैं। इच्छुक श्रद्धालु अपनी प्रविष्टि मालदास स्ट्रीट पेढ़ी में दर्ज करा सकते हैं। कार्यक्रम में श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जिनालय समिति के अध्यक्ष सुशील बांठिया, महामंत्री अशोक नागोरी, कोषाध्यक्ष ईश्वर मेहता, उपाध्यक्ष उत्सव लाल जगावत, सहि

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