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‘मेरे पाले हुए टॉमी भाजपा में चले गए’ — कांग्रेस नेता के भाई नीरज गुर्जर का बयान, सरपंचों ने जताई कड़ी नाराज़गी

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भीलवाड़ा, 8 नवंबर।
कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य मंत्री धीरज गुर्जर के भाई नीरज गुर्जर का बयान स्थानीय राजनीति में विवाद का केंद्र बन गया है।
गुरुवार रात कोठाज गांव में आयोजित एक भजन संध्या के दौरान नीरज गुर्जर ने भाजपा में शामिल हुए सरपंचों पर निशाना साधते हुए कहा —

नीरज गुर्जर का यह बयान सामने आते ही भीलवाड़ा जिले की पंचायत राजनीति में हलचल मच गई और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ शुरू हो गईं।


🔸 भाजपा समर्थक सरपंचों का पलटवार — “भाषा संभाल लें, जनता जवाब देना जानती है”

नीरज गुर्जर की टिप्पणी पर जीवा का खेड़ा सरपंच शोभालाल जाट ने कड़ा पलटवार किया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा —

“भीलवाड़ा के एक तुच्छ नेता ने सरपंचों को टॉमी कहा है, जो सरपंचों का अपमान है। अपनी भाषा संभाल लें, वरना जनता सड़क पर जूते पीट-पीट के मारेगी।”

शोभालाल जाट ने कहा कि सरपंच समाज जनता के प्रतिनिधि हैं, और इस तरह की टिप्पणी न केवल अपमानजनक है बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ भी है।


🔸 अन्य सरपंच भी उतरे विरोध में

शोभालाल जाट के बाद कई अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने भी नीरज गुर्जर के बयान पर आपत्ति जताई।
कोठाज सरपंच गोपाल सिंह, बिशनिया सरपंच सावरा धाकड़, पारोली सरपंच विनोद संचेती, और पूर्व सरपंच तेज सिंह लसाड़िया सहित कई जनप्रतिनिधियों ने नीरज गुर्जर से सार्वजनिक माफी की मांग की है।

सूत्रों के अनुसार, आधा दर्जन से अधिक सरपंचों ने भाजपा को समर्थन तो दिया, लेकिन फिलहाल खुले रूप से सामने आने से परहेज़ कर रहे हैं।


🔸 भजन संध्या में साधा था निशाना

नीरज गुर्जर ने यह टिप्पणी श्री श्याम राधे युवा ग्रुप की ओर से आयोजित भजन संध्या में की थी।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि—

“जो कठिन समय में पार्टी का झंडा नहीं छोड़ते, वही सच्चे कार्यकर्ता हैं। कुछ लोग अवसर देखकर पलट जाते हैं, ऐसे लोग कहीं भी सम्मान नहीं पाते।”

इस दौरान उन्होंने पारोली के पूर्व सरपंच अशोक नौसाल्या और कुछ भाजपा नेताओं की तारीफ भी की, जिन्होंने “कठिन समय में अपनी निष्ठा बनाए रखी।”


🔸 “राजनीति सेवा की है, अवसरवाद की नहीं” — गुर्जर की सफाई

बढ़ते विवाद के बीच नीरज गुर्जर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था, बल्कि उन्होंने राजनीतिक निष्ठा पर ज़ोर दिया था।
उन्होंने कहा —

“राजनीति नाम या पद के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए होनी चाहिए। हार के बावजूद जनता के बीच रहकर कमजोरों की ताकत बनना ही मेरा उद्देश्य है।”

गुर्जर ने मुस्कराते हुए यह भी कहा —

“हार तो हुई, लेकिन गाड़ी और गनमैन अब भी मेरे पास हैं।”

उनका यह वाक्य स्थानीय राजनीतिक हलकों में नए किस्से और चर्चाओं का विषय बन गया है।


🔻 स्थानीय राजनीति में उबाल, सोशल मीडिया पर बहस तेज

नीरज गुर्जर के “टॉमी” वाले बयान ने भीलवाड़ा जिले में कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच तीखी जुबानी जंग छेड़ दी है।
जहाँ कांग्रेस खेमे ने इसे “राजनीतिक भावावेश” में दिया गया बयान बताया, वहीं भाजपा समर्थक इसे “जनप्रतिनिधियों का अपमान” करार दे रहे हैं।

स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की नज़र अब इस पूरे विवाद पर है, क्योंकि मामला धीरे-धीरे सड़क से सोशल मीडिया तक फैलता जा रहा है।

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