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भ्रष्टाचार का नगर निगम : उदयपुर नगर निगम के स्वास्थ्य प्रभारी और जमादार रिश्वत लेते गिरफ्तार, फावड़ा नहीं चलाने देने के बदले मांगे 20 हजार

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24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। उदयपुर का नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। यहां लगातार शिकायतें आती रहती हैं लेकिन कार्रवाई कभी नहीं होती। पूरा का पूरा सिस्टम सेट है। पैसा दो और काम करवाओ। कभी कभार इस सिस्टम में सेंध लग जाती है तो एसीबी ट्रेप जैसी कार्रवाइयां सामने आती है। पैसों का लालच उपर से नीचे तक सिर चढ़कर बोल रहा है। कभी कागाजों की खानापूर्ति में रिश्वत तो कभी दलालों के माध्यम से खेल खुलेआम चलते हैं। एक तरफ अफसर ईमानदारी का दंभ भरते है ंतो दूसरी तरफ उनकी नाक के नीचे ही पूरा सिस्टम ही खाओ खिलाओ संस्कृति पर चल रहा है। लेन देने के ऐसे फुलप्रूफ तरीके ईजाद कर दिए गए हैं कि काई भी बिना लिए दिए सिस्टम से बच ही नहीं सकता। इसका सुबूत आज हुई कार्रवाई से फिर से सामने आ गया है।

अबकी बार मजबूरी का फायदा उठाने वाला पकड़ में आया है। दुर्घटना में चोट पर कर्मचारी फावड़ा नहीं चला पा रहा था। उसको दूसरा काम दिया गया व बदले में प्रति माह 10 हजार की रिश्वत तय की गई। दो महीने के 20 हजार मांगे गए व बार बार परेशान किया गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर एसीबी चौकी, स्पेशल यूनिट, उदयपुर द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्रवाई को शनिवार को अंजाम दिया गया। इस दौरान नगर निगम, उदयपुर के स्वास्थ्य प्रभारी कमलेश चनाल को ₹ 8,000/- की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जबकि परिवादी को रिश्वत देने के लिए प्रेरित करने वाले आरोपी अनिल (जमादार) को भी गिरफ्तार किया गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रेल को ब्यूरो की स्पेशल यूनिट, उदयपुर को शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता नगर निगम, उदयपुर में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत है। वर्ष 2024 के जून महीने में एक दुर्घटना के कारण उसके हाथ में चोट लग गई थी, जिससे वह फावड़े से नाली सफाई का काम करने में असमर्थ हो गया। शिकायतकर्ता ने इस स्थिति में सुविधा जनक कार्य देने के लिए जमादार अनिल से अनुरोध किया। अनिल ने उसे स्वास्थ्य प्रभारी कमलेश चनाल से मिलवाया, जिन्होंने शिकायतकर्ता को दो महीने तक फावड़े से नाली सफाई के बजाय निगरानी के कार्य पर लगा दिया। इसके बदले आरोपी कमलेश चनाल ने हर महीने ₹10,000 की दर से दो महीने की ₹20,000 की रिश्वत की मांग की और उसे बार-बार परेशान करता रहा।
इस शिकायत की पुष्टि के बाद, एसीबी रेंज, उदयपुर के उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन एवं स्पेशल यूनिट प्रभारी राजीव जोशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक लक्ष्मण लाल डांगी व टीम द्वारा आज 5 अप्रेल को ट्रैप कार्रवाई की गई। कार्रवाई में आरोपी कमलेश चनाल (स्वास्थ्य निरीक्षक कार्यालय, सेक्टर 11, गोवर्धन विलास, उदयपुर) को रिश्वत लेते हुए और अनिल (वार्ड नंबर 17, नगर निगम) को रिश्वत के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ व अन्य कानूनी कार्रवाई जारी है। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है।

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