24 News Update जयपुर। राजधानी के अत्यंत संवेदनशील सिविल लाइंस इलाके में गुरुवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एक लेपर्ड लगातार कई सरकारी और निजी आवासों के बीच घूमता हुआ देखा गया। करीब दो घंटे तक चली ये अफरा—तफरी तब थमी, जब रेस्क्यू टीम ने लेन नंबर 6 स्थित एक मकान में छिपे लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर काबू में किया।
सुबह करीब 9 बजे पहली बार लेपर्ड को लेन नंबर 6 के एक घर के बेसमेंट में देखा गया। देखते ही देखते वह आसपास के घरों की दीवारें फांदता हुआ जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के बंगले के पिछवाड़े में पहुंच गया। वहां से निकलकर वह टाइनी ब्लॉसम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिल हो गया। एहतियातन स्कूल प्रशासन ने बच्चों को तुरंत कक्षाओं में बंद कर दिया।
इस बीच वन विभाग और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए टीमों ने तुरंत ट्रेंकुलाइज गन के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। सिविल लाइंस क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, कई मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के बंगले हैं, ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ गई।
लेपर्ड लगातार एक घर से दूसरे घर में शरण लेता रहा। कुछ ही देर में वह हरिमार्ग और रूप नगर कॉलोनी की ओर बढ़ गया, जहाँ उसे एक घर के गार्डन में छिपा हुआ देखा गया। आमजन अपने घरों की छतों से उसकी हर मूवमेंट पर नज़र बनाए रहे और इस दौरान कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे।
करीब 11 बजे, दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लेपर्ड दोबारा उसी घर के पार्किंग क्षेत्र में आया, जहाँ वह पहली बार देखा गया था। मौके पर मौजूद रेस्क्यू टीम ने इस बार उसे सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर लिया। बाद में उसे सुरक्षित रूप से झालाना लेपर्ड रिज़र्व ले जाया गया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हाल के महीनों में जयपुर के कई इलाकों—जगतपुरा, विद्याधर नगर, गोपालपुरा मोड़, खो-नागोरियान—में भी लेपर्ड की मौजूदगी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में शिकार की कमी और मानव बस्ती का फैलाव इन घटनाओं का मुख्य कारण है।
अधिकारियों ने अपील की है कि यदि किसी इलाके में वन्य जीव दिखाई दे, तो नागरिक तुरंत वन विभाग या पुलिस को सूचना दें और किसी प्रकार की भीड़भाड़ न करें।
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