24 News Update जयपुर। राजस्थान में इस बार मानसून समय से पूरे एक सप्ताह पहले यानी 18 जून को ही पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, सामान्यतः मानसून 25 जून के आसपास आता है, लेकिन इस बार इसकी समयपूर्व दस्तक ने पूरे राज्य में बारिश की उम्मीदों को जगा दिया है। मानसून की उत्तरी सीमा अब बाड़मेर, जोधपुर और जयपुर से होकर गुजर रही है और पहले ही दिन दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया है।
पहले दिन ही कई जिलों में बारिश
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, बारां, सिरोही, बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा जिलों में मानसून की वर्षा दर्ज की गई है। अगले 2-3 दिनों में मानसून के राज्य के और हिस्सों में पहुंचने की संभावना है।
1 से 17 जून तक 63% ज्यादा बारिश
मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, 1 से 17 जून के बीच राज्य में औसतन 34.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 63% अधिक है। उन्होंने बताया कि आगामी 5 से 7 दिनों तक कोटा और उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। 2024 में राजस्थान में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई थी। उस वर्ष पूरे मानसून सीजन (जून से सितंबर) में प्रदेशभर में औसत से 56% अधिक बारिश हुई थी। इस बार भी मौसम विभाग ने औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान जताया है। पिछले मानसून में जयपुर में औसत से 88% अधिक और दौसा में 137% अधिक बारिश हुई थी। जयपुर में सामान्यत: 524.3 मिमी बारिश होती है, लेकिन 2024 में 986.6 मिमी बारिश हुई। वहीं दौसा में औसत 594.5 मिमी के मुकाबले 1409.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। भरतपुर में औसत से 70%, धौलपुर में 107%, करौली में 109% और सवाई माधोपुर में 94% ज्यादा बारिश हुई। वहीं कोटा संभाग में झालावाड़ ऐसा जिला रहा जहां औसत से 3% कम बारिश हुई, जबकि कोटा, बारां और बूंदी में औसत से ज्यादा बारिश हुई।
उदयपुर संभाग में सामान्य रहा मानसून
उदयपुर संभाग में मानसून औसत के आसपास रहा। उदयपुर में 698.3 मिमी, चित्तौड़गढ़ में 817.8 मिमी, प्रतापगढ़ में 1100.7 मिमी, डूंगरपुर में 774 मिमी और बांसवाड़ा में 1043.4 मिमी बारिश हुई। टोंक में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनी और बीसलपुर बांध के गेट खोलने पड़े। अजमेर में 79%, टोंक में 97%, भीलवाड़ा में 41% और नागौर में 78% ज्यादा बारिश दर्ज हुई।
राजस्थान में पिछले 10 वर्षों के मानसून का विश्लेषण: 2024 में सबसे अधिक, 2018 में सबसे कम बारिश दर्ज
राजस्थान में मानसून के समय से पहले दस्तक देने के साथ ही अब बीते दस वर्षों के आंकड़ों पर भी नजर डाली जा रही है। मौसम विभाग और दैनिक भास्कर के साझा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दस सालों में सबसे अधिक मानसूनी वर्षा वर्ष 2024 में दर्ज की गई, जबकि 2018 ऐसा एकमात्र साल रहा, जब प्रदेश में औसत से कम बारिश हुई।
2024 में 56 फीसदी अधिक बारिश
पिछले साल यानी 2024 में राजस्थान में मानसून सीजन के दौरान 678.4 मिमी बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 435.6 मिमी मानी जाती है। यह सामान्य से 56 फीसदी अधिक रही। यह पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा बारिश वाला साल रहा।
2018 में औसत से 6 फीसदी कम बारिश
2018 एकमात्र ऐसा साल रहा, जब मानसून ने राजस्थान को निराश किया। उस वर्ष केवल 393.3 मिमी बारिश हुई, जबकि औसत 419 मिमी थी। यह सामान्य से 6 प्रतिशत कम थी।
2022 और 2019 भी अच्छे मानसूनी साल रहे
2022 में राज्य में 595.9 मिमी बारिश हुई, जो औसत से 37 प्रतिशत अधिक थी। इसी तरह 2019 में 583.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो औसत (415 मिमी) से 41 प्रतिशत ज्यादा रही।
2023 में सामान्य से 15 फीसदी ज्यादा वर्षा
पिछले वर्ष 2023 में भी मानसून ने राहत दी। कुल 499.7 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो औसत 435.6 मिमी से 15 फीसदी अधिक थी।
अन्य वर्षों की स्थिति
- 2021: 485.3 मिमी वर्षा (औसत 415 मिमी) – 17% ज्यादा
- 2020: 449.8 मिमी (औसत 415 मिमी) – 8% ज्यादा
- 2017: 454.9 मिमी (औसत 419 मिमी) – 9% ज्यादा
- 2016: 536.4 मिमी (औसत 419 मिमी) – 28% ज्यादा
- 2015: 457 मिमी (औसत 419 मिमी) – 9% ज्यादा

