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15 दिन में 128% ज्यादा बरसात, 21 बांध लबालब — जुलाई में भी भारी बारिश का अलर्ट

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24 न्यूज अपडेट, स्टेट डेस्क। राजस्थान में इस बार मानसून ने सात दिन पहले दस्तक देकर मात्र 15 दिन में जून महीने की औसत से 128 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज कर इतिहास रच दिया है। पूरे राज्य में भारी बारिश के चलते अब तक 21 बांध लबालब हो चुके हैं, जबकि 95 सूखे बांधों में भी पानी की आवक हुई है। मौसम विभाग ने अगले 15 दिनों में कोटा, उदयपुर, अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभागों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार मानसून की दोनों शाखाएं—अरब सागर और बंगाल की खाड़ी—लगातार सक्रिय रही हैं। जून के महीने में दो बड़े मौसमी सिस्टम बने, जिनके प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी और पश्चिमी जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। सामान्यतः बीसलपुर बांध में पानी की आवक जुलाई में शुरू होती है, लेकिन इस बार 16 जून से ही पानी आना शुरू हो गया, जो अब तक जारी है। इसी प्रकार त्रिवेणी नदी और चंबल नदी में भी पानी बढ़ा, जिससे कोटा बैराज के गेट खोलने पड़े।

राज्य में 1 से 30 जून तक औसतन 125.3 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य औसत 55 मिमी है। यानी औसत से 128 प्रतिशत ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। जिलेवार बात करें तो सबसे अधिक बारिश बारां जिले में 390.4 मिमी दर्ज की गई, जो औसत 101.7 मिमी से 284 प्रतिशत अधिक है। भीलवाड़ा में 231.1 मिमी (औसत 66.4 मिमी) वर्षा हुई, जो 248% ज्यादा है। कोटा में 261.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो औसत 90.9 मिमी से 191% अधिक है। राजसमंद में 210.9 मिमी (औसत 70.3) यानी 200% ज्यादा बारिश हुई। उदयपुर में 175.5 मिमी (औसत 77.1 मिमी) वर्षा हुई, जो 128% ज्यादा रही।

अन्य जिलों की बात करें तो अजमेर में 113.9 मिमी बारिश हुई, जबकि औसत 52.1 मिमी है—110% अधिक। बांसवाड़ा में 274.3 मिमी (औसत 101.2) वर्षा दर्ज हुई जो 171% अधिक है। चित्तौड़गढ़ में 208.9 मिमी वर्षा हुई जो औसत 75.4 मिमी से 177% अधिक है। दौसा में 210.8 मिमी (औसत 67.3), करौली में 205.8 मिमी (औसत 66.5) और पाली में 119.2 मिमी (औसत 51.9) वर्षा हुई।

पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों में भी इस बार अच्छी बारिश हुई। जैसलमेर में 37.7 मिमी बारिश हुई जो औसत 24.6 मिमी से 53% ज्यादा है। बाड़मेर में 42.9 मिमी बारिश दर्ज हुई (औसत 33.7), यानी 27% ज्यादा। बीकानेर में 43.5 मिमी बारिश हुई, जो औसत 42.7 मिमी से 2% अधिक है। जोधपुर में 65.1 मिमी (औसत 38.3) यानी 70% अधिक वर्षा हुई।

प्रदेश के जल संसाधनों की बात करें तो मानसून पूर्व 692 बांधों में से केवल 7 बांध फुल थे जबकि 387 बांध पूरी तरह सूखे थे। लेकिन महज 15 दिन में ही 28 बांध पूरी तरह भर चुके हैं, जिनमें से 21 बांध ऐसी तेज बारिश में भर गए। इसके अतिरिक्त सूखे पड़े 95 बांधों में भी पानी की आवक हुई है। बीसलपुर के अलावा ब्यावर का नारायण सागर, बूंदी का रूणिजा, झालावाड़ का सारनखेड़ी, बारां के गोपालपुरा, उम्मेद सागर, अकलेरा सागर, कालीसोट, चतरपुरा, बिलास डेम और भीमलत जैसे बांधों में भी पानी भर चुका है।

फिलहाल मौसम केंद्र जयपुर के पूर्वानुमान के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह में कोटा और उदयपुर संभागों में भारी बारिश हो सकती है, जबकि दूसरे सप्ताह में अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभागों में भी तेज बारिश के आसार हैं। जुलाई महीने में औसत से ज्यादा वर्षा की संभावना जताई गई है।

इस बार की शुरुआती मानसून बारिश ने राज्य को न केवल जल संकट से राहत दी है, बल्कि कृषि, पेयजल और भूजल recharge के लिए भी अत्यंत सकारात्मक संकेत दिए हैं। अब आवश्यकता है कि इस जल संपदा का विवेकपूर्ण प्रबंधन करते हुए जल संरक्षण और सिंचाई योजनाओं को मजबूती दी जाए, ताकि यह लाभ लंबे समय तक बना रहे।

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