24 News Update बांसवाड़ा। भारत-पाक तनाव के बीच बांसवाड़ा जिले में शनिवार शाम एक वास्तविक आतंकवादी हमले जैसी स्थिति को दर्शाती मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉक ड्रिल कागदी बांध पर शाम ठीक 5 बजे शुरू की गई, जिसमें ड्रोन और हवाई हमले का सीन तैयार कर, गोलीबारी और विस्फोटों के जरिए एक बड़े आतंकी हमले की झलक प्रस्तुत की गई। मॉक ड्रिल में 20 लोग घायल दिखाए गए, जिनमें 5 की हालत गंभीर रही। इन्हें तुरंत जिला एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य को बांध क्षेत्र में बनाए गए वैकल्पिक उपचार केंद्र पर प्राथमिक चिकित्सा दी गई।
प्रशासनिक टीमों की प्रतिक्रिया समय रही चिंता का विषय
ड्रिल के जरिए आपात स्थिति में प्रशासन की तत्परता की जांच की गई, जिसमें प्रारंभिक प्रतिक्रिया समय पर कई सवाल खड़े हो गएः 6वें मिनट पर सिविल डिफेंस की टीम पहुंची। 10 मिनट बाद पुलिस और जिला प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचे। 20वें मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर आई, जबकि ब्लास्ट के बाद सबसे पहले अग्निशमन की आवश्यकता थी। 26 मिनट बाद चिकित्सा विभाग की टीम पहुंची, तब तक गंभीर रूप से घायल लोग चिल्लाते और तड़पते रहे। यह देरी प्रशासनिक समन्वय और आपात सेवाओं की तत्परता पर सवाल खड़े करती है।
भारत-पाक तनाव के परिप्रेक्ष्य में हुआ अभ्यास
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 7 मई को भारत द्वारा च्वज्ञ और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद भारत-पाक के बीच माहौल तनावपूर्ण है। इसी पृष्ठभूमि में सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन शील्ड नामक मॉक ड्रिल के तहत यह अभ्यास किया।
क्या होती है मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज?
मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित आपातकालीन अभ्यास होता है, जिसमें आंतरिक सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता की जांच की जाती है। ब्लैकआउट एक्सरसाइज के तहत इलाके की बिजली बंद कर यह आकलन किया जाता है कि युद्ध या हमले की स्थिति में शत्रु के निशाने से बचने के लिए किस तरह रोशनी रहित रणनीति अपनाई जा सकती है।
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