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नाबालिग से रेप केस: आसाराम ने 30 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में किया सरेंडर, हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत बढ़ाने से किया था इनकार

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24 News Update जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने शनिवार 30 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। राजस्थान हाईकोर्ट ने 27 अगस्त को सुनवाई के दौरान उसकी अंतरिम जमानत आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर सुबह 10 बजे वह जेल पहुंचा।

हाईकोर्ट ने क्यों ठुकराई जमानत
जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल की मेडिकल बोर्ड रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आसाराम की तबीयत स्थिर है। उसे न तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और न ही लगातार चिकित्सा देखभाल की। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछले 3-4 महीनों में उसने इलाज के नाम पर कई शहरों में यात्राएं कीं, लेकिन किसी भी अस्पताल में नियमित फॉलोअप नहीं कराया। आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने कोर्ट में दलील दी थी कि 21 अगस्त को एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने उसकी बिगड़ती तबीयत को लेकर रिपोर्ट दी है। हालांकि, खंडपीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया।

कब और क्यों मिली थी जमानत
आसाराम को 7 जनवरी 2025 को मेडिकल ग्राउंड पर 12 साल बाद पहली बार जमानत मिली थी। आधार यह था कि उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं और इलाज कराना जरूरी है। इलाज कराने के लिए कोर्ट/पुलिस को लोकेशन बतानी होती थी।
कोर्ट की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता था।

अब जेल क्यों जाना पड़ा
जनवरी की रिपोर्ट में कमजोरी, ब्लड प्रेशर, शुगर, आर्थोपेडिक और किडनी की समस्याएं बताई गई थीं और लगातार देखभाल जरूरी बताई गई थी। लेकिन अगस्त में आई नई मेडिकल रिपोर्ट में उसकी हालत स्थिर पाई गई और लगातार मेडिकल सपोर्ट की जरूरत नहीं बताई गई। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने कहा कि अब जमानत की आवश्यकता नहीं है।

जेल प्रशासन को कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है—

जेल सुपरिंटेंडेंट आसाराम को व्हीलचेयर पर आवश्यक आवाजाही की अनुमति देंगे, जो आसाराम की ओर से स्वयं खरीदी जाएगी।

उसकी निरंतर सहायता और व्हीलचेयर संचालन के लिए एक व्यक्ति नियुक्त किया जाएगा।

यदि स्वास्थ्य बिगड़ता है या कोई आपातकालीन स्थिति आती है तो तुरन्त एम्स जोधपुर रेफर किया जाएगा।

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