24 News Update जोधपुर/अहमदाबाद। 86 वर्षीय स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू को अब 30 अगस्त की सुबह 10 बजे तक जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को उनकी अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उनकी स्वास्थ्य स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि उन्हें राहत दी जा सके। न्यायालय ने साफ कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में कोई ऐसा कारण नहीं है, जिससे अंतरिम जमानत बढ़ाना जरूरी हो। हालांकि, अदालत ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि आसाराम को व्हीलचेयर और एक सहायक उपलब्ध कराया जाए तथा जरूरत पड़ने पर जोधपुर एम्स में उनका परीक्षण करवाया जा सकता है।
29 अगस्त को खत्म हो रही थी जमानत
गौरतलब है कि आसाराम को 29 अगस्त तक की अंतरिम जमानत मिली हुई थी। इससे पहले 8 अगस्त को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 21 अगस्त तक जमानत बढ़ाई थी। उस समय मेडिकल रिपोर्ट में उनके ट्रोपोनिन लेवल को लेकर हृदय संबंधी खतरे की बात सामने आई थी। इसी आधार पर उन्हें राहत दी गई थी।
मेडिकल बोर्ड की जांच
हाईकोर्ट ने अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल को आदेश दिया था कि प्रोफेसर रैंक के दो कार्डियोलॉजिस्ट और एक न्यूरोलॉजिस्ट की टीम आसाराम की हार्ट और न्यूरो संबंधी जांच करे। रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी स्थिति निरंतर चिकित्सा की मांग तो करती है, पर अस्पताल में भर्ती रहना अनिवार्य नहीं है।
गुजरात हाईकोर्ट से राहत
इस बीच, आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट से 3 सितंबर 2025 तक मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली हुई है। 19 अगस्त को कोर्ट ने उनके आईसीयू में भर्ती रहने और स्वास्थ्य की गंभीरता देखते हुए अस्थायी राहत दी थी। आसाराम वर्तमान में गुजरात और राजस्थान में रेप मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। लंबे समय से वे स्वास्थ्य आधार पर अदालतों से जमानत मांगते रहे हैं। अब राजस्थान हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उन्हें हर हाल में जोधपुर सेंट्रल जेल में 30 अगस्त को सुबह 10 बजे तक आत्मसमर्पण करना होगा।
रेप मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को 30 अगस्त तक जेल में सरेंडर का आदेश

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