24 News Update अहमदाबाद/जोधपुर। रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को बुधवार को गुजरात हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका को खारिज कर दिया। अब इस मामले में आगे की सुनवाई 22 सितंबर को होगी, जब सजा के खिलाफ दायर अपील और अंतरिम जमानत की अर्जी पर एक साथ सुनवाई की जाएगी।
राजस्थान हाईकोर्ट से भी मिल चुका है झटका
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी जोधपुर केस में आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि आसाराम तुरंत जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करें। आदेश के बाद आसाराम ने 30 अगस्त की सुबह जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड गठित कर आसाराम का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था। ईमेल के जरिए कोर्ट को भेजी गई इस रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी तबीयत गंभीर नहीं है, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने जेल में उन्हें व्हीलचेयर और एक सहायक की सुविधा देने के निर्देश दिए हैं। जरूरत पड़ने पर एम्स जोधपुर में भी जांच करवाई जा सकती है।
गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा?
बुधवार को सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट ने साफ किया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत की अवधि मेरिट के आधार पर नहीं बढ़ाई। ऐसे में उसी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अलग रुख अपनाना उचित नहीं होगा। अदालत ने कहा कि अगर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देनी है, तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाए।
आसाराम के वकील ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल लगातार बीमार है और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कई जरूरी जानकारियां शामिल नहीं हैं। वहीं, पीड़िता के वकील ने तर्क दिया कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा गुजरात हाईकोर्ट के दायरे में नहीं आती।

