पाली। राजस्थान के वर्तमान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और उस समय सुमेरपुर के विधायक रहे मदन राठौड़ को 9 साल पुराने मामले में बड़ी राहत मिली है। BSNL की लापरवाही पर पाली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राठौड़ को 1 लाख 8 हजार 540 रुपए ब्याज सहित लौटाने और 30 हजार रुपए मानसिक क्षति व परिवाद व्यय देने के आदेश दिए हैं। साथ ही आयोग ने BSNL पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
◼ कैसे शुरू हुआ मामला?
दिसंबर 2016 में विदेश यात्रा के लिए राठौड़ ने बीएसएनएल से इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा वाली सिम निश्चित चार्ज देकर खरीदी थी।
लेकिन विदेश पहुंचते ही सिम एक्टिव ही नहीं हुई। उन्होंने तत्काल BSNL कार्यालय में लिखित शिकायत भी दी, लेकिन समाधान नहीं मिला।
◼ सिम नहीं चली, लेकिन थमा दिया 1 लाख से अधिक का बिल
जनवरी 2017 में BSNL ने राठौड़ को 1,08,540 रुपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया।
इसके बाद राठौड़ ने अपने वकील मनीष ओझा के माध्यम से 6 अप्रैल 2017 को आयोग में परिवाद पेश किया था।
◼ 9 साल बाद आया फैसला
13 नवंबर 2025 को आयोग अध्यक्ष अजय कुमार बंसल और सदस्य शिवराम महिया की बेंच ने फैसला सुनाया जिसमें कहा गया—
- BSNL बिल निरस्त करे
- इंटरनेशनल रोमिंग के लिए दिए गए 10,000 रुपए साधारण ब्याज सहित दो माह में लौटाए
- राठौड़ द्वारा जमा 1,08,540 रुपए 9 जून 2018 से 6% वार्षिक ब्याज के साथ वापस करे
- 30,000 रुपए मानसिक क्षति व परिवाद व्यय के रूप में दे
- 50,000 रुपए का जुर्माना उपभोक्ता हितों की अनदेखी पर लगाया गया
◼ कोर्ट ने कही कड़ी बात
आयोग ने टिप्पणी की कि BSNL ने उपभोक्ता की शिकायत के समाधान में लापरवाही बरती और बिना सेवा प्रदान किए भारी-भरकम बिल भेजकर उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया।

