अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों की साइबर ठगी, हाईटेक सॉफ्टवेयर से ऑपरेट होता था गिरोह
जयपुर। जयपुर पुलिस ने अमेरिकी नागरिकों को अमेजन और एपल के नाम पर ठगने वाले एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मालवीय नगर और प्रतापनगर में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों पर छापेमारी कर 49 पुरुषों और 11 महिलाओं सहित कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त सचिन मित्तल (IPS) द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों के बाद की गई।
दो कॉल सेंटरों पर एक साथ छापा
स्पेशल पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश (IPS) के नेतृत्व में बनी विशेष टीम ने 19 नवंबर को प्राप्त गोपनीय सूचना के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की। मालवीय नगर और प्रतापनगर थाना पुलिस की टीमों ने होटल द स्पार्क इन (शिवानंद मार्ग, मालवीय नगर) और प्रतापनगर सेक्टर-16 के प्लॉट नंबर 160/05 पर फर्जी कॉल सेंटरों में दबिश दी।
छापे का नेतृत्व
- विजयपाल, थानाधिकारी मालवीय नगर
- राजेंद्र शर्मा, थानाधिकारी प्रतापनगर
- चंद्रभान सिंह, थानाधिकारी रामनगरिया
के द्वारा किया गया।
ऐसे करते थे अमेरिकी नागरिकों से ठगी
गिरोह इंटरनेट पर Amazon Customer Care और Apple Support खोजने वाले उपभोक्ताओं को निशाना बनाता था। इनके फर्जी नंबर सर्च रिजल्ट में ऊपर दिखते थे।
ठगी का तरीका —
- कॉल रिसीव करने वाले ‘डायलर’ ग्राहक की समस्या सुनकर कहते कि खाते में गड़बड़ी है।
- इसके बाद कॉल ‘क्लोज़र’ को ट्रांसफर की जाती, जो खुद को बैंक कर्मचारी बताकर कार्ड व बैंक डिटेल्स ले लेता।
- ग्राहक को नया बैंक खाता खोलने का झांसा देकर फर्जी अकाउंट बनवाया जाता।
- फिर ग्राहक के असली खाते से पैसे उसी फर्जी खाते में ट्रांसफर करा लिए जाते।
सरकारी एजेंसियों के नाम पर भी ठगी
गिरोह का एक मॉड्यूल खुद को FBI, IRS, IT Department या कोर्ट अधिकारी बताकर अमेरिकी नागरिकों को डराता था।
- ग्राहकों को फर्जी नोटिस, वारंट और सरकारी दस्तावेज भेजे जाते।
- डराए गए ग्राहक अपना पैसा फर्जी खाते में डाल देते थे।
- यह रकम बाद में क्रिप्टोकरेंसी और हवाला चैनलों से भारत लायी जाती थी।
हाईटेक कॉलिंग सिस्टम और सुरक्षा उपाय
पुलिस ने छापे के दौरान पाया कि गिरोह ने कॉलिंग के लिए EYEBEAM और VICI जैसे क्लाउड सॉफ्टवेयर का उपयोग किया, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस करना लगभग असंभव होता था।
इसके अलावा आरोपी VPN के जरिए इंटरनेट चलाते थे ताकि किसी भी जांच एजेंसी को आईपी एड्रेस न मिल सके।
डिजिटल सबूतों का बड़ा जखीरा बरामद
जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों से मिली सामग्री—
- ग्राहकों की बैंकिंग जानकारी
- हजारों कॉल का डेटा
- विदेशी नागरिकों से ठगी गई रकम के रिकॉर्ड
- FBI और अन्य अमेरिकी एजेंसियों के फर्जी नोटिस, वारंट, रसीदें
ये दस्तावेज आरोपियों प्रियेश और साजन कुमार साहनी के लैपटॉप से मिले।
कुल बरामदगी और पुलिस कार्रवाई
लगातार लगभग 24 घंटे चली कार्रवाई में —
- 60 आरोपी गिरफ्तार
- 57 कंप्यूटर और 3 लैपटॉप जब्त
- सभी डिजिटल सबूत सील
पुलिस के अनुसार जब्त उपकरणों की फॉरेंसिक जांच से पता चलेगा कि इस गिरोह ने अब तक कितने अमेरिकी नागरिकों से कितनी बड़ी राशि की ठगी की है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच जारी है।

