24 News update उदयपुर, 7 सितम्बर: राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर संघ का चातुर्मास सर्वऋतु विलास मंदिर में बड़ी धूमधाम से आयोजित हो रहा है। इसी श्रृंखला में रविवार को दशलक्षण महापर्व की सम्पन्नता के बाद सभी सैकड़ों तपस्वियों का आचार्य पुलक सागर की निश्रा में महापारणा का आयोजन हुआ।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विनोद फांदोत ने बताया कि महापारणा में राजा श्रेयांश बनकर प्रथम पारणा कराने का सौभाग्य गेंदालाल फांदोत परिवार को प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि सभी तपस्वियों को उनके परिवारजनों द्वारा स्वर्ण थाल में पारणा कराया गया।

नगर निगम प्रांगण के धर्म सभा पंडाल में जब आचार्य पुलक सागर महाराज का पदार्पण हुआ, तो पूरा पंडाल आचार्य संघ के जयकारों से गूंज उठा। इसके पश्चात आचार्य ने सभी तपस्वियों का मंत्रोच्चारण के साथ पारणा करवाई। इस दौरान पंडाल में उपस्थित सभी श्रावक-श्राविकाओं ने आपस में वर्ष भर में जाने-अनजाने में हुई गलतियों पर क्षमा याचना की।
महामंत्री प्रकाश सिंघवी और प्रचार संयोजक विप्लव कुमार जैन ने बताया कि आचार्य पुलक सागर महाराज ने पारणा महोत्सव के दौरान समझाया कि पारणा का अर्थ है उपवास या आयम्बिल जैसी धार्मिक साधना के बाद लिया जाने वाला प्रथम आहार। यह आहार हमेशा शुभ समय देखकर, बिना राग-द्वेष और पवित्र भाव से ग्रहण किया जाना चाहिए। पारणा प्राय: फल, खीर, दूध या सात्विक आहार से कराई जाती है और यह उपवास/तप की पूर्णता के बाद अनिवार्य माना गया है।

चातुर्मास समिति के मुख्य संयोजक पारस सिंघवी ने बताया कि रविवार प्रात: सभी तपस्वियों का महापारणा सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विनोद फांदोत, शांतिलाल भोजन, आदिश खोडनिया, अशोक शाह, शांतिलाल मानोत, नीलकमल अजमेरा, सेठ शांतिलाल नागदा सहित पूरे उदयपुर संभाग से हजारों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहीं।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.