24 News Update भीलवाड़ा। शहरी निकायों में दलालों की धौंस किसी से छिपी नहीं है। हम सबकी कई-कई पीढ़ियां इन दलालो की शिकार हो चुकी हैं। लेकिन सरकारी सिस्टम में इनका कभी कुछ नहीं बिगड़ता। अब भीलवाड़ा में
शहरी सुधार न्यास (यूआईटी) कार्यालय में निरीक्षण के दौरान संदिग्ध गतिविधि पकड़ी गई, जिसके बाद नियमन शाखा के एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है।
यूआईटी सचिव ललित गोयल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान एक व्यक्ति को कार्यालय परिसर में फाइल लेकर घूमते हुए देखा गया। जब उससे पूछताछ की गई तो वह घबरा गया और कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। उसने फाइल वहीं छोड़ दी और चला गया। जांच में पता चला कि फाइल नियमन शाखा से ली गई थी। संबंधित शाखा के वरिष्ठ सहायक से पूछताछ करने पर भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला। मामला संदिग्ध लगने पर कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर आगे की जांच के आदेश दिए गए हैं।
नियमों के अनुसार, निलंबन अवधि में कर्मचारी को माह की अवधि तक आधा वेतन देय होगा। उसे मुख्यालय उपस्थिति प्रमाणपत्र और यह प्रमाण देना होगा कि वह किसी अन्य स्थान पर कार्य नहीं कर रहा है।
सचिव गोयल ने कहा कि “इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों की दखल या फाइलों की अनाधिकृत हैंडलिंग अनुचित है। पहले भी कई बार कर्मचारियों को इस संबंध में समझाया जा चुका है।”
इस कार्रवाई के बाद यूआईटी कर्मचारियों में हड़कंप मच है। क्योंकि सब जानते हैं कि फाइलें कहां जाती है व कौन कौन जमीन माफिया के यहां पर कितने दिन बिताती हैं। कई कर्मचारियों के बीच यह चर्चा रही कि जिस व्यक्ति के पास फाइल मिली, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कोई सगा लग रहा था क्या?? फाइल दलालों के पास पाई जा रही है, तो ऐसे लोगों पर भी मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
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