24 न्यूज अपडेट. अजमेर। अजमेर के ब्यावर जिले में बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जिसमें स्कूली छात्राओं के साथ बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के आरोपियों के खिलाफ जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। यह घटना पिछले चार दिनों से चर्चा में है, और शुक्रवार को एक बार फिर स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब आरोपियों को अजमेर की पॉक्सो कोर्ट-1 में पेश किया गया। कोर्ट परिसर में वकीलों ने आरोपियों पर हमले की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस और वकीलों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जैसे ही आरोपी कोर्ट परिसर में पहुंचे, वहां मौजूद वकीलों का गुस्सा भड़क उठा। वकीलों ने आरोपियों की फिर से धुलाई कर दी। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए उन्हें कोर्ट रूम के अंदर ले जाकर स्थिति को संभाला। इस दौरान पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हल्की झड़प भी देखने को मिली। पुलिस अधिकारी वकीलों को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन भीड़ का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा था। यह पहला मौका नहीं था जब ऐसा हुआ। इससे पहले, 18 फरवरी को भी जब आरोपियों को पहली बार कोर्ट में पेश किया गया था, तब भी वकीलों ने पुलिस की मौजूदगी में उन्हें घेरकर थप्पड़ जड़े थे। उस घटना के बाद से ही कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया था, और शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
मामले का खुलासा और आरोपियों की गिरफ्तारी
यह पूरा मामला चार दिन पहले तब सामने आया जब पता चला कि ब्यावर के कुछ युवक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं को निशाना बना रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया कि ये आरोपी न केवल छात्राओं का यौन शोषण कर रहे थे, बल्कि उनके अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी कर रहे थे। इतना ही नहीं, आरोपियों पर यह भी इल्जाम है कि वे इन लड़कियों को जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे थे। इस मामले में अब तक कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें रिहान मोहम्मद (20), सोहेल मंसूरी (19), लुकमान उर्फ सोहेब (20), अरमान पठान (19), साहिल कुरैशी (19), अफराज (18) और तीन अन्य शामिल हैं। इसके अलावा, एक नाबालिग आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है, जिसे बाल सुधार गृह भेजा गया है। सभी आरोपी आपस में दोस्त हैं और एक संगठित तरीके से इस अपराध को अंजाम दे रहे थे। शुक्रवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद इन आरोपियों को दोबारा कोर्ट में पेश किया गया, साथ ही तीन नए आरोपियों को भी शामिल किया गया।
बिजयनगर में बंद और जनाक्रोश
इस घटना से आक्रोशित स्थानीय समुदाय ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। ब्यावर जिले के बिजयनगर में सर्व समाज संघर्ष समिति ने शुक्रवार को शहर बंद का आह्वान किया। सुबह से ही लोग चार बत्ती चौराहे पर जमा होने लगे और बाजारों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। प्रदर्शनकारी सभी नामजद आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। इस बंद को देखते हुए ब्यावर जिला पुलिस ने स्थिति पर नजर रखने के लिए अलर्ट मोड पर काम किया और बिजयनगर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
अब तक 9 पकड़े
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच को आगे बढ़ाया है। लेकिन कोर्ट में बार-बार हो रहे हमलों और जनता के गुस्से को देखते हुए पुलिस के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती है। 18 फरवरी को हुई पहली घटना के बाद से ही पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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