Site icon 24 News Update

राजस्थान SIR में लाखों वोटरों पर संकट, ASD लिस्ट जारी, नाम कटा तो नोटिस, दस्तावेज नहीं दिए तो छिन सकता है वोट का हक

Advertisements

24 News Update जयपुर। राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत बड़ी कार्रवाई सामने आई है। निर्वाचन विभाग ने ASD वोटर लिस्ट सार्वजनिक कर दी है, जिसमें अनुपस्थित (Absent), स्थायी रूप से शिफ्टेड (Shifted) और मृत (Dead) मतदाताओं के नाम शामिल हैं।
इस सूची में नाम आने का मतलब साफ है—अब वोटर को खुद आगे आकर अपना अधिकार बचाना होगा।
ASD सूची में दर्ज मतदाताओं को चरणबद्ध तरीके से नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस मिलने के बाद तय समय में पहचान और निवास से जुड़े दस्तावेज जमा नहीं किए गए, तो नाम फाइनल वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा।
ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नहीं? घबराने की जरूरत नहीं
निर्वाचन विभाग ने साफ किया है कि जिनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं दिख रहा, उनके पास अब भी वोटर बने रहने का मौका है। समय रहते आपत्ति दर्ज कर दस्तावेज दिए गए तो नाम फिर से जोड़ा जा सकता है।
ASD लिस्ट में नाम कैसे जांचें?
निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर पूरी सूची उपलब्ध है। यहां
EPIC (वोटर आईडी) नंबर से
विधानसभा क्षेत्र व भाग संख्या से
जिला, वार्ड, गांव और बूथ नंबर के आधार पर
नाम खोजा और लिस्ट डाउनलोड की जा सकती है।
ऑफलाइन जांच का भी विकल्प
अगर ऑनलाइन सुविधा नहीं है, तो मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ (Booth Level Officer) वार्ड कार्यालयराजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट से ड्राफ्ट वोटर लिस्ट देखकर नाम की स्थिति जांच सकते हैं।

https://election.rajasthan.gov.in/ASD_SIR_2026/ASD_List_EPIC.html

नाम नहीं मिल रहा तो सबसे पहले क्या करें?
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि सही डाली गई है।
यदि फिर भी नाम नहीं मिले, तो जांचें कि कहीं आपको Absent, Shifted या Dead कैटेगरी में तो नहीं डाल दिया गया।
ऐसी स्थिति में तुरंत बीएलओ से संपर्क करें। कारण स्पष्ट होने के बाद एसडीएम कार्यालय में आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है।

नाम जुड़वाने की अंतिम तारीख
ASD सूची में नाम होने पर मतदाता 15 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
नाम जोड़ने के लिए
फ़ॉर्म-6
घोषणा पत्र (Declaration Form)
पहचान और निवास से जुड़े वैध दस्तावेज
जमा करना अनिवार्य होगा।
जरूरी दस्तावेज क्या होंगे?
वोटर आईडी, आधार कार्ड, पिछली SIR में माता-पिता या स्वयं का नाम होने का प्रमाण।
चुनाव आयोग द्वारा मान्य दर्जन भर दस्तावेजों में से कोई भी वैध दस्तावेज लगाया जा सकता है।

आपत्ति नहीं दी तो क्या होगा?
यदि तय समय में आपत्ति और दस्तावेज नहीं दिए गए, तो
नाम फाइनल वोटर लिस्ट से कट जाएगा
वोटर कार्ड अमान्य हो जाएगा
आगामी चुनावों में मतदान का अधिकार समाप्त हो जाएगा
हालांकि, भविष्य में होने वाले वार्षिक रिवीजन में नाम दोबारा जुड़वाने का विकल्प रहेगा, लेकिन तब प्रक्रिया अधिक जटिल हो सकती है।

SIR में नाम होना क्यों जरूरी?
SIR का मकसद वोटर लिस्ट को साफ और अपडेट रखना है।
यदि इस SIR में नाम दर्ज है, तो आगे होने वाले संशोधनों में बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
साथ ही, यह आपके उस क्षेत्र में निरंतर निवास का प्रमाण भी माना जाता है।

बच्चों पर भी पड़ेगा असर
यदि इस SIR में माता-पिता का नाम नहीं हुआ, तो अगली SIR में बच्चों को अतिरिक्त दस्तावेज देने पड़ेंगे।
अगर माता-पिता का नाम मौजूद है, तो सिर्फ वोटर आईडी नंबर से बच्चों का नाम सुरक्षित रह सकेगा।

Exit mobile version