
24 News Update उदयपुर/श्रीनगर। पैसिफिक डेंटल कॉलेज, उदयपुर में जम्मू-कश्मीर की बीडीएस छात्रा श्वेता सिंह द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखते हुए मामले की न्यायिक जांच, दोषी शिक्षकों की गिरफ्तारी और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर की ओर से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि श्वेता सिंह जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले की रहने वाली थीं और पैसिफिक डेंटल कॉलेज उदयपुर में बीडीएस के अंतिम वर्ष की छात्रा थीं। उन्होंने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से बरामद हस्तलिखित सुसाइड नोट में दो शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें छात्रों से रिश्वत मांगना, फेल करने की धमकी देना और मानसिक प्रताड़ना जैसे कृत्य शामिल हैं।
एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है कि छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में डॉ. भगवत सिंह और डॉ. नैनी जैन को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है और स्पष्ट रूप से लिखा है कि वे छात्रों को पैसे न देने पर बार-बार परीक्षा में फेल कर देते थे। इतना ही नहीं, नोट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उक्त शिक्षक छात्रों से “पैसे वसूलने“ का व्यवस्थित प्रयास करते थे, और श्वेता को प्रताड़ित किया गया क्योंकि उसने पैसे नहीं दिए।
नासिर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा,
“यह घटना न केवल एक छात्रा की आत्महत्या है, बल्कि यह उच्च शिक्षा संस्थानों में व्याप्त शोषण, भ्रष्टाचार और असंवेदनशीलता का परिणाम है। छात्रा के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह पूरी शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।“
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि घटना के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई। न तो तुरंत हॉस्टल के कमरे को सील किया गया, न ही मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई और न ही पुलिस को समय पर सूचना दी गई। उल्टे, कॉलेज के अधिकारियों ने छात्रों को चुप रहने के लिए दबाव डाला और सुसाइड नोट को दबाने का प्रयास किया।
एसोसिएशन ने यह मांग भी की है कि मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए, ताकि कोई भी दोषी बच न सके और पीड़िता के परिवार को न्याय मिल सके।
नासिर ने यह भी कहा कि उन्होंने राजस्थान पुलिस महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग और मानवाधिकार आयोग को भी इस मामले की जानकारी देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।
मुख्य मांगे पत्र मेंः
घटना की न्यायिक जांच कराई जाए।
दोषी शिक्षकों डॉ. भगवत सिंह और डॉ. नैनी जैन की तुरंत गिरफ्तारी हो।
कॉलेज प्रशासन की भू्मिका की भी जांच हो और लापरवाही के लिए सख्त सजा दी जाए।
अन्य छात्रों को सुरक्षा व मानसिक सहयोग सुनिश्चित किया जाए।
शिक्षा संस्थानों में छात्र शोषण के विरुद्ध कड़ा कानून और त्वरित कार्यवाही की व्यवस्था हो।
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