24 News Update उदयपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उदयपुर के जगदीश मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में आधी रात तक भक्ति और उत्साह का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। शुक्रवार रात ठीक 12 बजकर 30 मिनट पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव ध्वनि-घंटनाद, शंखध्वनि और “हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयघोष के बीच मनाया गया। जन्म के तुरंत बाद ठाकुरजी को सजे हुए झूले पर विराजित कर भव्य झूला महोत्सव सम्पन्न हुआ, वहीं श्रद्धालुओं द्वारा 56 प्रकार के भोग समर्पित किए गए।
जगदीश मंदिर में तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव शुक्रवार शाम से प्रारंभ हुआ, जिसमें लगातार धार्मिक अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की जा रही हैं। मंदिर समिति के अनुसार शनिवार को नंद उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें ढाड़ा–ढाड़िन गीतों और पारंपरिक नृत्यों के साथ ठाकुरजी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। वहीं 17 अगस्त को जगदीश चौक पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित होगी, जिसमें एक महिला टीम सहित लगभग दस दल भाग लेंगे। आयड़ गंगू कुंड इस्कॉन मंदिर में भी भगवान श्रीकृष्ण की विविध जीवंत झांकियां सजाई गईं। शुक्रवार रात 12 बजकर 15 मिनट पर महाआरती आयोजित की गई तथा बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को फलाहारी प्रसाद वितरित किया गया। इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष मायापुर वासी प्रभु ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे से हरिनाम संकीर्तन, भजन और प्रवचन का आयोजन होगा, इसके पश्चात बच्चों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की जाएंगी। श्रद्धालुओं ने कहा कि जन्माष्टमी का यह आधी रात का दृश्य अविस्मरणीय है, जिसमें आस्था, संस्कृति और परंपरा का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला।
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