उदयपुर। उदयपुर का शिल्प ग्राम मेला इन दिनों कला-संस्कृति से ज्यादा कानून की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर चर्चा में है। मेले में दुकानदारों द्वारा बिल न देना, सुरक्षा इंतजामों का अभाव और अव्यवस्था अब सीधे-सीधे मेला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। हालात से नाराज अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन ने इसे लेकर प्रशासन और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को कड़ा ज्ञापन सौंपा है।
ग्राहक पंचायत का आरोप है कि मेले में सैकड़ों दुकानदार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 को ठेंगा दिखा रहे हैं। 200 रुपये से अधिक की खरीदारी पर बिल देना कानूनी रूप से अनिवार्य होने के बावजूद, ग्राहक से बिल मांगने पर साफ इंकार किया जा रहा है। यह केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व पर सीधा डाका है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस पूरे मामले से मेला आयोजक फुरखान खान पहले से अवगत थे, इसके बावजूद उन्होंने कानून लागू कराने के बजाय व्यापारियों का खुला बचाव किया। ग्राहक पंचायत ने इसे प्रशासनिक संरक्षण में कानून की अवहेलना करार दिया है।
अव्यवस्था यहीं खत्म नहीं होती। मेले में लगी दुकानों पर अग्निशमन यंत्र और रेत से भरी बाल्टियां तक नदारद हैं। किसी भी आपात स्थिति में बड़ा हादसा होना तय माना जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पार्किंग में खड़ी हैं, जबकि ढलान में बनी मुख्य दुकानों तक किसी भी आपात वाहन का पहुंचना लगभग असंभव है। सवाल यह है कि सुरक्षा इंतजाम कागजों में हैं या मौके पर?
उधर पार्किंग स्थल पर वाहन चालकों से पूरी फीस वसूली जा रही है, लेकिन बदले में न सुविधा, न व्यवस्था। धूल का ऐसा गुबार उड़ रहा है कि वाहनधारी और आमजन बेहाल हैं। यह स्थिति मेला प्रशासन की घोर लापरवाही और मनमानी को उजागर करती है।
इन तमाम गंभीर मुद्दों को लेकर ग्राहक पंचायत संगठन ने कुलदीप शर्मा (एडीजी), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जितेन्द्र ओझा (अतिरिक्त जिला कलेक्टर) को ज्ञापन सौंपा। एडीजी कुलदीप शर्मा ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन तो दिया, लेकिन अब नजरें इस पर टिकी हैं कि कार्रवाई जमीन पर दिखेगी या फाइलों में दब जाएगी।
ग्राहक पंचायत के जिला मंत्री नारायण पंचोली ने दो टूक कहा कि यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए तो केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया जाएगा और बिल न देने व राजस्व हानि के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी। साथ ही आम जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाएगा।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में जिला अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, करण सिंह कटारिया, फतेहलाल पारिक, रमेश जोशी, मांगीलाल भोई, नरपत सिंह कुमावत, अशोक शर्मा, राजू कुंवर चौहान, नरोत्तम गौड़, अनिल टांक, राजकुमार शर्मा सहित कई पदाधिकारी शामिल रहे।

