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24 News update जयपुर, 20 अप्रैल 2025:
भारतीय रेल के संचालन में लोको पायलट (ड्राइवर) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। उनकी कार्य स्थितियों को बेहतर बनाने और सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा अनेक योजनाएं और तकनीकी सुधार किए गए हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत कार्यरत लोको पायलटों को विशेष रूप से इन सुधारों का लाभ मिल रहा है।
✅ वर्किंग कंडीशन में व्यापक सुधार:
- उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी रनिंग रूम अब पूर्णतः वातानुकूलित (AC) हैं और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किए गए हैं।
- रनिंग रूम में आरामदायक बेड, स्वच्छ शौचालय, भोजन की व्यवस्था, मनोरंजन साधन और बेहतर हाउसकीपिंग जैसी सुविधाएं शामिल की गई हैं।
✅ लोको केबिन में सुधार:
- आधे से अधिक लोको इंजनों में एर्गोनोमिक सीट्स, वातानुकूलन प्रणाली, बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम और ड्राइवर अलर्ट सिस्टम जैसी उन्नत तकनीकों को शामिल किया गया है।
✅ शौचालय की सुविधा:
- सभी नए लोकोमोटिव्स में शौचालय लगाए जा रहे हैं।
- पुराने इंजनों में रेट्रोफिटिंग द्वारा शौचालय जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके लिए लोकोमोटिव के डिज़ाइन में भी संशोधन किए जा रहे हैं।
✅ फॉग और सुरक्षा तकनीक:
- कोहरे के मौसम में ट्रेन संचालन के लिए लोको पायलटों को फॉग सेफ्टी डिवाइस, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम (DAS), कवच प्रणाली और इंप्रूव्ड ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी जैसी तकनीकों से सुसज्जित किया गया है।
✅ वर्किंग टाइम और विश्राम में सुधार:
- भारी ट्रैफिक वाले मार्गों पर नए रनिंग रूम बनाए जा रहे हैं।
- इससे लोको पायलटों के कार्य घंटे में कमी आई है और उन्हें पर्याप्त रेस्ट भी मिल पा रहा है।
✅ ऑनबोर्ड और स्टेशन पर सुविधाएं:
- मालगाड़ी, सबअर्बन ट्रेन, और पैसेंजर/मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में कार्यरत लोको पायलटों के लिए:
- शौचालय उपयोग हेतु स्टेशनों पर पर्याप्त ठहराव समय मिलता है।
- इस दौरान स्नैक्स या नाश्ते की भी व्यवस्था रहती है।
- सबअर्बन और मेट्रो ट्रेनों के चालक दल टर्मिनल स्टेशनों पर शौचालय सुविधा का उपयोग करते हैं।
✅ संचार व्यवस्था में सुधार:
- सभी लोको पायलटों को वॉकी-टॉकी की सुविधा दी गई है, जिससे वे स्टेशन स्टाफ से निरंतर संपर्क में रहते हैं।

