24 News update ऋषिकेश/देहरादून, अप्रैल 2025। भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग का गौरव अब ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना को प्राप्त हुआ है। सुरंग संख्या-8, जिसकी लंबाई 14.58 किलोमीटर है, का भव्य उद्घाटन रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा स्थानीय सांसद श्री अनिल बलूनी की उपस्थिति में किया गया। यह सुरंग हिमालयी क्षेत्र में बनी पहली ऐसी सुरंग है, जिसमें टीबीएम तकनीक का सफल उपयोग किया गया है।
मुख्य आंकड़े और विशेषताएं:
- कुल परियोजना लंबाई: 125.20 किमी, जिसमें 104 किमी (83%) सुरंग, 18.4 किमी (14.72%) तटबंध और 3.07 किमी (2.21%) पुल शामिल हैं।
- कुल सुरंगें: 16 मुख्य सुरंगें (104 किमी), 12 एस्केप सुरंगें (97.72 किमी) और 7.05 किमी क्रॉस पैसेज, कुल सुरंग नेटवर्क: 213.57 किमी।
- टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से बनाई गई सुरंग: 10.4 किमी, जबकि एनएटीएम तकनीक से बनी सुरंग: 4.11 किमी।
- सबसे लंबी सुरंग: सुरंग संख्या 8 – 14.58 किमी, जो भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग बन गई है।
- सबसे लंबा पुल: 125 मीटर (देवप्रयाग पुल संख्या 06), सबसे ऊंचा पुल: 46.9 मीटर (गौचर पुल संख्या 15)।
तकनीकी चुनौतियां और समाधान: इस सुरंग का निर्माण जौनसार क्षेत्र की जटिल चट्टानों में हुआ, जिसमें क्वार्टजाइट व शिस्टोज फिलाइट प्रमुख थीं। अधिकतम ओवरबर्डन 800 मीटर और न्यूनतम 70 मीटर रहा। निर्माण में TBM सिंगल शील्ड (9.11 मीटर) का प्रयोग हुआ, जो रेलवे में पहली बार हिमालयी क्षेत्र में लागू किया गया।
भूस्खलन, जल रिसाव (2000 LPM तक), अत्यधिक निचोड़ने वाले चट्टान क्षेत्र, और मानसून में ट्रांसपोर्ट बाधाएं प्रमुख चुनौतियां थीं। आठ एडिट सुरंगों के निर्माण से गति बढ़ाई गई।
पुल निर्माण स्थिति:
- कुल 19 बड़े पुल, जिनमें से 08 पूरे हो चुके हैं।
- 03 प्रमुख सड़क पुल (गौचर, श्रीनगर, सिवाई) भी तैयार हो चुके हैं।
- गंगा, अलकनंदा और चंद्रभागा नदियों पर बनाए जा रहे 05 महत्वपूर्ण पुलों में से 03 पूरे हो चुके हैं।
निर्माण की प्रगति: 213.57 किमी की कुल सुरंग नेटवर्क में से 195 किमी सुरंग निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2026–27 के अंत तक सभी सुरंग कार्य पूर्ण कर लिए जाएं।
भविष्य की योजना: वीरभद्र-योगनगरी ऋषिकेश खंड को पहले ही 20 मार्च 2020 को चालू कर दिया गया है। अब ट्रैक बिछाने, ओएचई (Over Head Equipment), इलेक्ट्रिकल, और सिग्नल-टेलीकम्युनिकेशन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

