24 News Udpate बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड स्थित मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में चिकित्सा लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। 45 वर्षीय गर्भवती महिला की बिना किसी जांच के नसबंदी कर दी गई, जिसकी जानकारी तब लगी जब उसकी तबीयत बिगड़ने पर सोनोग्राफी करवाई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि महिला पहले से ही गर्भवती थी और गर्भ की उम्र 31 सप्ताह है।
आई थी नसबंदी के लिए समझाने, मिली सरकारी सहायता का लालच
पीड़िता, आमलीपाड़ा निवासी महिला, ने बताया कि करीब 5 महीने पहले एक महिला रमिला उनके पास आई थी, जिसने खुद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताया और नसबंदी कराने की सलाह दी। उसने यह भी कहा कि सरकार की ओर से सहायता राशि भी दी जाएगी। 10 जनवरी 2025 को रमिला के साथ मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची। वहां चिकित्सकों ने बिना किसी पूर्व जांच या गर्भ परीक्षण के उसका नसबंदी ऑपरेशन कर दिया और प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया।
तबीयत बिगड़ी, तब पता चला तीन माह से अधिक का गर्भ था
नसबंदी के कुछ ही दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। जब वह दोबारा डॉक्टरों के पास गई और जांच करवाई तो बताया गया कि वह गर्भवती है। बाद में कराई गई सोनोग्राफी रिपोर्ट में सामने आया कि गर्भ की आयु 28 सप्ताह 1 दिन है। रिपोर्ट के अनुसार महिला अक्टूबर 2024 में ही गर्भवती हो चुकी थी। इसका मतलब यह कि जनवरी में जब नसबंदी की गई, तब वह करीब तीन माह की गर्भवती थी।
गलती छिपाने की कोशिश, धमकाया भी गया
महिला ने आरोप लगाया कि जब वह शिकायत लेकर दोबारा मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची तो वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों ने दुर्व्यवहार किया और धमकाया। उन्होंने कहा कि यदि ऊपर शिकायत की गई तो अंजाम ठीक नहीं होगा। इसके बाद पीड़िता ने पाटन थाना और बांसवाड़ा एसपी कार्यालय में लिखित शिकायत देकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। मामला सामने आने के बाद बांसवाड़ा सीएमएचओ ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जो ऑपरेशन में हुई लापरवाही और प्रक्रिया की अनदेखी की जांच करेगी। एमजी अस्पताल के गायनिक विशेषज्ञ डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि यदि गर्भ के दौरान नसबंदी हो भी जाए, तो इससे महिला या भ्रूण पर कोई असर नहीं पड़ता।
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