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खबर का असर : 425 करोड़ रुपये की अनियमितताओं पर मिराज ग्रुप को नोटिस, जवाब नहीं दिया तो होगा भूमि निरस्तीकरण

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। 24 न्यूज अपडेट की खबर का बड़ा असर हुआ है। इस बारे में 24 न्यूज अपडेट में 6 मई को खबर– ऑडिट रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा : ‘विश्वास स्वरूपम’ प्रोजेक्ट में सरकार को लगाई 500 करोड़ की चपत, नियमों की उड़ाई धज्जियां, नाथद्वारा पालिका की मिलीभगत आई सामने….का प्रकाशन किया था जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ था। उपर के स्तर पर यह प्रयास शुरू हो गए थे कि आखिर इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से कैसे बचा व बचाया जाए। अब मिराज समूह को नाथद्धारा पालिका की ओर से नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। विभिन्न प्रकरणों में मिराज पर गंभीर वित्तीय अनियमितताएं करने का आरोप है। पालिका की ओर से शीघ्र ही जवाब मांगा गया है। इतने बड़े समूह के खिलाफ नगर पालिका की ओर से की गई कार्रवाई के पूरे राजस्थान में चर्चे हो रहे हैं। क्योंकि समूह के उंचे राजनीतिक रसूखात हैं इसके बावजूद अधिकारियों ने अपनी जो रीढ़ की सीधी हड्डी दिखाई है वह काबिले तारीफ है। आपको बता दें कि ऑडिट रिपोर्ट में मिराज समूह पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुला खेल खेलने का आरोप लगा। इसके बाद से अब तक रसूखात के चलते कार्रवाई नहीं की गई थी। कई स्थापित व बडे माने जाने वाले मीडिया समूहों ने भी इस मामले में चुप्पी साध ली। इसके बाद से लोगों में मीडिया के प्रति भी खासी नाराजगी देखी जा रही है।
राजसमंद जिले स्थित नाथद्वारा नगरपालिका ने मिराज डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उससे संबद्ध तत्पदम उपवन प्रा.लि. को करीब ₹425 करोड़ की वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कठोर चेतावनी जारी की है। यह कार्रवाई स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, उदयपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-24 के ऑडिट रिपोर्ट में लगाए गए विभिन्न गंभीर आक्षेपों के आधार पर की गई है।
कुल 5 प्रमुख आक्षेप, 425 करोड़ से अधिक की हानि
अंकेक्षण विभाग के अनुसार, मिराज ग्रुप द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत नगरपालिका को निम्नलिखित हानियां पहुंचाई गईं:
₹231.52 करोड़ – अम्यूज़मेंट पार्क के लिए 25 बीघा अतिरिक्त भूमि के अनियमित आवंटन से।
₹136.89 करोड़ – शिव मूर्ति प्रोजेक्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं से।
₹20.69 करोड़ – दीपचंद पालीवाल मॉडल बस स्टैंड टर्मिनल परियोजना में Swiss Challenge Method के अंतर्गत अनियमित लाभ।
₹20.06 करोड़ – बड़े भूखंड की ई-नीलामी में प्रतिस्पर्धा व पारदर्शिता के अभाव से।
₹16.80 करोड़ – Iconic Gateway निर्माण में भूमि प्रतिफल में गड़बड़ियों से।
पालिका की सख्त चेतावनी: जवाब दो या ज़मीन वापस होगी
नाथद्वारा नगर पालिका ने कंपनी को प्रत्येक आक्षेप की प्रति भेजते हुए स्पष्ट किया है कि: “आप 15 दिनों के भीतर प्रत्येक पैरा के संदर्भ में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया तो नियमानुसार वसूली की कार्रवाई की जाएगी अथवा आवंटित भूमि का आवंटन निरस्त कर उसे पालिका के कब्जे में लिया जाएगा। समस्त जिम्मेदारी आपकी होगी।”
दान नहीं, प्रतिफल के बदले भूमि आवंटन
विशेष रूप से मॉडल बस स्टैंड और Iconic Gateway परियोजनाओं को लेकर रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि ये दान परियोजनाएं नहीं थीं, बल्कि इन्हें राजकीय भूमि के बदले पारस्परिक प्रतिफल की व्यवस्था के तहत निर्मित किया गया। फिर भी परिसंपत्तियों पर नामकरण कर आमजन को यह भ्रमित किया गया कि यह निजी संस्थान की ओर से दान है। मिराज ग्रुप ने सभी मामलों में जवाब प्रस्तुत करने के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम-2015 के तहत संबंधित पत्रावलियों की मांग की थी। अब जब पालिका ने पत्रावलियों की प्रतियां उपलब्ध करवा दी हैं, तब कंपनी से स्पष्ट जवाब अपेक्षित है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
राजस्व मामलों के जानकारों का मानना है कि: “₹400 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि का यह मामला सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का प्रतीक है। यदि मिराज ग्रुप दोषी पाया जाता है तो न केवल वसूली होनी चाहिए, बल्कि भूमि आवंटन भी रद्द कर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।” अब मिराज डेवेलपर्स प्रा.लि. के पास सीमित समय है—15 दिन के भीतर सभी आक्षेपों का जवाब देना होगा। यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो यह राजस्थान में निजी-सरकारी भागीदारी की व्यवस्था पर एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।

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