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उदयपुर में पुलिस-प्रशासन की सेटिंग से कितने और चल रहे ‘‘आरडीएक्स’’, एएसआई को हटाने के बाद उठी मांग, रातें रंगीन करने वालों की जांच जरूरी, प्रतिनिधि इस मामले में खामोश क्यों!!!

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24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। शहर में पुलिस और प्रशासन की फुलप्रूफ प्रोटेक्शन में ऐसे क्लब और पब चल रहे हैं जहां पर रातें रंगीन हो रही है। आरटीएक्स क्लब में ग्राहकों की पिटाई के बाद यह साफ हो गया कि कई जगह पर नाईट क्लब, नाइट पार्टियों का दौर चल रहा है। इससे पहले भी कई वाकये हो चुके हैं जहां पर मारपीट के मामले सामने आए। जो अपुष्ट लेकिन वीडियो लीक होकर सामने आए हैं उसमें लड़कियां फूहड़ डांस करती नजर आ रही है, नोट उड़ रहे हैं। मस्ती में लोग टल्ली होकर झूम रहे हैं। उसके बाद पंगा होना तो लाजमी है ही। और उसके लिए भी पुलिस नहीं, बल्कि क्लबों ने अपने बाउंसर रखे हुए हैं जिनके आगे कई बार तो बड़े बड़ों का भी जोर नहीं चलता। यह कल्चर आखिर कहां से आकर उदयपुर को दीमक की तरह से चाट रहा है। और जब पुलिस की संदिग्ध भूमिका सामने आती है, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है तो फिर लोगों का सिस्टम से भरोसा उठने लगता है।
भुवाणा स्थित आरडीएक्स क्लब एंड बार में मारपीट प्रकरण में लापरवाही बरतने पर सुखेर थाना पुलिस के एएसआई को हटाकर दूसरे थाने में अटैच कर दिया गया है। वहीं, एसपी योगेश गोयल के निर्देश के बाद पुलिस ने क्लब प्रबंधन व बाउंसर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अश्लीलता परोसने का मामला दर्ज कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बताया गया कि घटना के बाद जब पीड़ित सुखेर थाने पहुंचे, उस समय ड्यूटी पर एएसआई सुनील बिश्नोई थे। आरोप है कि बिश्नोई ने पीड़ितों की शिकायत नहीं सुनी और केवल तीन लोगों को पाबंद कर दिया। इसके चलते एसपी योगेश गोयल ने गंभीरता बरतते हुए एएसआई सुनील बिश्नोई को थाने से हटाकर डीएसपी ऑफिस वेस्ट में अटैच कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस ने मामले में राजसमंद निवासी क्लब मैनेजर मुकेश सिंह, ब्यावर निवासी बाउंसर लोकेश कुमार प्रजापत, प्रतापनगर निवासी पंकज पूर्बिया, नागा नगरी निवासी विश्वजीत सिंह और कर्नाटक निवासी धर्मेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है।
घटना बुधवार तड़के करीब 3 बजे की है। भुवाणा के मानसरोवर निवासी कमलेश पालीवाल अपने दिल्ली से आए दोस्तों मोहित, मिलन, विकास, सोनू और रोहित के साथ 16 सितंबर की रात 11 बजे आरडीएक्स क्लब गए थे। देर रात करीब 2ः30 बजे जब वे लिफ्ट से नीचे आ रहे थे, तो उन्होंने क्षमता पूरी होने के कारण एक परिचित युवक को लिफ्ट में चढ़ने से मना कर दिया। इस बात पर क्लब प्रबंधन और बाउंसर्स नाराज़ हो गए। बाहर निकलते ही क्लब मैनेजर मुकेश सिंह और धर्मेंद्र सिंह समेत करीब 10 बाउंसर्स ने पीड़ितों पर हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में भी साफ दिखाई दे रहा है कि बाउंसरों ने युवकों को घेरकर लात-घूंसों से बेरहमी से पीटा।
जन प्रतिनिधि खामोश क्यों
क्लबों में रोज रातें रंगीन होने के मामले में हमारे जन प्रतिनिधि आखिर क्या कर रहे हैं। क्या उनकी कोई सक्रियता दिखी, उनका कोई बयान आया। भारतीय संस्कृति के ठेकेदार बनकर कई बार आंदोलनों की अगुवाई कर चुके लोग कहां पर है। क्या वे भी मैनेज हो गए है। ंअगर सब इसी तरह से अपने सुपरबॉस को ही मैनेज करके चलने लगे तो फिर शहर के हितों का क्या होगा? यह चिंता का विषय है।

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