24 news update उदयपुर। राजस्थान पुलिस मुख्यालय जयपुर द्वारा चलाए जा रहे “गुमशुदा व चोरी हुए मोबाइल फोन बरामदगी अभियान” के तहत उदयपुर जिले की हिरणमगरी थाना पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने तकनीकी सहायता से पिछले एक माह में 56 मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटा दिए हैं। इस कार्रवाई से फिर सवाल उठा है कि यदि फोन चुराने या अपने पास रख लेने वालों को ढूंढ लिया गया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। 10 लाख के फोन ढूंढना शाबाशी का काम है लेकिन यह कार्रवाई तब तक अधूरी है जब तक फोन चुराने वालों या फोन मिलने पर पुलिस को नहीं लौटा कर अपने पास रखने वालों पर कार्रवाई नहीं हो जाती। कार्रवाई नहीं होगी तो फोन भी चोरी होते रहेंगे और पुलिस भी ऐसे ही वाहवाही लूटती रहेगी।
यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश ओझा व पुलिस उप अधीक्षक नगर पूर्व छगन पुरोहित के पर्यवेक्षण में की गई। अभियान का नेतृत्व थानाधिकारी भरत योगी ने किया।
पुलिस ने बताया कि थाना स्तर पर गठित साइबर हेल्प डेस्क ने मोबाइल फोन की लोकेशन और तकनीकी डेटा की मदद से उन्हें अलग-अलग जिलों और राज्यों से बरामद किया। कई मोबाइल जयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़ और गुजरात के विभिन्न इलाकों से मिले। मोबाइल बरामद करने वाली टीम में हेड कॉन्स्टेबल रामस्वरूप, कॉन्स्टेबल राजकुमार जाखड़, प्रताप सिंह और विजय सिंह शामिल रहे। टीम ने लगातार प्रयास करते हुए 56 मोबाइल को ट्रेस कर मालिकों तक पहुंचाया।
बरामद मोबाइलों की कुल कीमत करीब 10 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। मोबाइल वापसी के दौरान पीड़ितों ने पुलिस टीम का आभार जताया।
हिरणमगरी थाना पुलिस ने 56 गुमशुदा और चोरी के मोबाइल बरामद कर लौटाए, फोन चुराने वालों पर पुलिस मौन क्यों???

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