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पशु परिचर भर्ती-2023 पर से हाईकोर्ट ने हटाई रोक, 6433 पदों पर नियुक्तियों का रास्ता साफ, स्केलिंग फॉर्मूले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, अगस्त के अंत तक जारी हो सकता है परिणाम

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24 News Update डूंगरपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर (एनिमल अटेंडेंट) भर्ती-2023 पर लगी रोक हटा दी है। हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा बोराणा की एकलपीठ ने स्केलिंग प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में विशेषज्ञों द्वारा तय मापदंडों का पालन हुआ है और इसमें न्यायालय का हस्तक्षेप उचित नहीं है। अब 6433 पदों पर नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। इस भर्ती के लिए प्रदेशभर से 17 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। 9 मई 2025 को भर्ती में स्केलिंग फॉर्मूले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि 3 अप्रैल 2025 को आए परिणाम में स्केलिंग का उपयोग किया गया, जबकि 6 अक्टूबर 2023 को जारी विज्ञापन में इसका उल्लेख नहीं था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विज्ञापन में केवल नेगेटिव मार्किंग का जिक्र था – सही उत्तर पर एक अंक और गलत उत्तर पर 1/4 अंक की कटौती।
किन्होंने दी थी चुनौती?
याचिका दायर करने वालों में शामिल थे: नितेश पाटीदार (डूंगरपुर), महेश कुमार (डीडवाना-कुचामन), हिमांशु सुथार (डूंगरपुर), राकेश रुले (चूरू), अंकित कुमार (श्रीगंगानगर), अशोक जाट (चित्तौड़गढ़), सुखलाल उपाध्याय (चूरू), राकेश रिंवा (नागौर), मानाराम (बाड़मेर), दिलीप सिंह (सिरोही), अल्ताफ कुरैशी (नागौर), मंजू बाला (गंगानगर), विपुल कुमार (बांसवाड़ा), सचिन गनोलिया (चूरू), और कृष्णपाल सिंह (पाली)।

कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने माना कि परीक्षा एक ही दिन में नहीं कराई जा सकती थी, अतः अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा करवाना और स्केलिंग/नॉर्मलाइजेशन अपनाना व्यावहारिक और न्यायोचित था। 5 जून 2024 को जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया था कि परीक्षा मल्टीपल शिफ्ट में होगी और उसमें नॉर्मलाइजेशन लागू होगा। यह सर्कुलर भर्ती विज्ञापन का हिस्सा माना गया। कोर्ट ने यह भी दोहराया कि कोई भी अभ्यर्थी, जो बिना आपत्ति के भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुआ हो, असफल होने के बाद प्रक्रिया की शर्तों को चुनौती नहीं दे सकता। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के ‘तजवीर सिंह सोढ़ी बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य’ (2023) 17 SCC 147 का हवाला दिया गया।
बोर्ड ने क्या कहा?
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) की ओर से एडवोकेट मनीष पटेल ने कोर्ट में बताया कि 17 लाख से अधिक उम्मीदवारों की परीक्षा एक दिन या एक शिफ्ट में कराना असंभव था, इसलिए परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में करवाई गई। इससे अलग-अलग पेपर कठिनाई स्तर में भिन्न हो सकते थे, इसलिए स्केलिंग/नॉर्मलाइजेशन आवश्यक था। RSSB अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद बोर्ड अब परिणाम जारी करने की दिशा में तेजी से काम करेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अभ्यर्थियों का इंतजार इसी अगस्त माह के अंत तक खत्म कर दिया जाएगा।

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